हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र माह में हनुमान जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस दिन सभी बजरंगबली का व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं, और मंदिर में उन्हें भोग व सिंदूर अर्पित करते हैं। भक्त इस दिन उनसे बल, विद्या, बुद्धि और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।
- हनुमान जयंती सामान्यतः चैत्र (मार्च-अप्रैल) माह में मनाई जाती है।
- भगवान हनुमान जी को सिंदूर और चना-गुड़ का भोग चढ़ाया जाता है।
- बूंदी के लड्डू, हलवा और फल आदि भी भोग में अर्पित किए जाते हैं।
- इस दिन भक्त सुंदरकांड और रामचरित मानस का पाठ करके हनुमान जी को प्रसन्न करते हैं।
- यदि हनुमान जयंती शनिवार या मंगलवार को पड़ती है तो यह अधिक लाभकारी मानी जाती है।
हनुमान जयंती 2024 | Hanuman Jayanti 2024
वर्ष 2024 में हनुमान जयंती 23 अप्रैल, मंगलवार को पड़ेगी। इस तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को सुबह 3:35 बजे होगी और यह अगले दिन 24 अप्रैल शाम 5:18 बजे तक रहेगी।
हनुमान जयंती 2025 | Hanuman Jayanti 2025
वर्ष 2025 में हनुमान जयंती 12 अप्रैल, शनिवार को पड़ेगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:35 से 9:10 तक होगा और शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त 6:45 से 8:09 तक रहेगा।
पूजा विधि | Hanuman Jayanti Puja Vidhi
- हनुमान जयंती पर प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद भगवान को सिंदूर और चोला चढ़ाएं।
- भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं।
- हनुमान जी का तिलक करें और लाल पुष्प अर्पित करें।
- इसके बाद लड्डू, चना, गुड़ और नारियल का भोग लगाएं।
- अंत में भगवान की आरती करें।
- अपनी इच्छा अनुसार व्रत का संकल्प ले सकते हैं।
हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? | Hanuman Jayanti Kyu Manai Jati Hai
एक बार हनुमान जी ने सूर्य को एक फल समझकर खा लिया, जिससे सम्पूर्ण जगत में अंधकार छा गया। हनुमान जी की इस शरारत से सभी देवता क्रोधित हो गए और इन्द्रदेव ने उन पर प्रहार कर दिया जिससे वह मूर्छित हो गए। लेकिन हनुमान जी का जन्म भगवान श्रीराम की सहायता के लिए हुआ था, और उनके बिना राम का कार्य अवरुद्ध हो जाता। इसलिए सभी देवता ब्रह्मदेव के पास गए और उनसे सहायता मांगी। तब ब्रह्मदेव और वायुदेव ने मिलकर हनुमान जी को नया जीवन दिया। यह घटना चैत्र माह की पूर्णिमा को हुई थी, इसलिए इसे हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।