बिजली महादेव मंदिर, जो हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में स्थित है, भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर है जो पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर लगभग 2,460 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, और यहाँ से आसपास के पहाड़ों और घाटियों का मनमोहक दृश्य दिखाई देता है।
इतिहास | Bijli Mahadev Temple History
बिजली महादेव मंदिर का इतिहास पौराणिक है। स्थानीय लोग और भक्तों के अनुसार, यह मंदिर महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने अपने वनवास के दौरान बनाया था। कहा जाता है कि वर्तमान संरचना को 16वीं शताब्दी में राजा बहादुर सिंह द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था।
मंदिर अपनी बिजली गिरने की घटना के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि समय-समय पर शक्तिशाली बिजली का आघात शिवलिंग पर गिरता है, जिससे शिवलिंग जगह-जगह से टूट जाता है। इसके बाद मंदिर के पुजारी शिवलिंग को पुनः स्थापित करते हैं और जड़ी-बूटियों के लेप से इसका उपचार करते हैं। कुछ दिनों बाद शिवलिंग पहले की तरह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है।
मंदिर की कहानी क्षेत्र की लोककथाओं से जुड़ी हुई है, जहां यह विश्वास किया जाता है कि भगवान शिव स्वयं भक्तों को दिव्य बिजली की बारिश से आशीर्वाद देते हैं, जो उनके और शिव के बीच एक विशेष संवाद और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है।
से ढकी पहाड़ियों का दृश्य देख सकते हैं, जो इस अनुभव को और भी अद्भुत बना देती है।
बिजली महादेव के दर्शन का समय | Bijli Mahadev Temple Timing
यह मंदिर पूरे साल खुला रहता है। मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुलता है। यहाँ आने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है। दिसंबर से फरवरी के बीच आपको अधिक ठंड और बर्फ मिल सकती है, जिससे आपको ट्रैकिंग में परेशानी हो सकती है।