फाल्गुन पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महिने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर किए गए अच्छे कार्य जैसे दान-पुण्य आदि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार लते हैं। इस पूर्णिमा की पवित्रता, भक्तों के लिए एक आनंद का प्रतीक मानी जाती है। क्योंकि यह दिन होली जैसे मुख्य पर्व के आस-पास आता हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व
माना जाता है कि जब भगवान विष्णु ने अपना चौथा नृसिंह अवतार लिया, तब उन्होंने हिरण्यकशिपु की बहन होलिका का वध किया था। होलिका एक बुरी राक्षसी थी। इस दिन भगवान ने बुराई पर अच्छाई की जीत प्राप्त की थी। इसलिये “इस दिन” इस पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता है।
इसके अलावा एक और कथा की मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन वेद व्यास द्वारा लिखे गए ग्रंथों का दिवस भी मनाया जाता है। वेद व्यास हिंदू धर्म के प्रमुख गुरु थे जिन्होंने सभी वेदों की रचना की थी।
फाल्गुन पूर्णिमा और होलिका दहन
जिस दिन होली का दहन होता है, उसी रात फागुन पूर्णिमा भी होती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भी मनाया जाता है, जिसे लोग हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। जब होलिका दहन होता है, तब लोग लकड़ियाँ और गोबर के उपले जलाते हैं और इस पर्व को उत्साह से मनाते हैं।
होलिका दहन की पूजा विधि
पूजन की विधि
- होलिका दहन स्थल पर लकड़ियां, गोबर के उपले, और पूजा सामग्री रखें।
- पूजा सामग्री में रोली, चावल, हल्दी, कुमकुम, फूल, नारियल, और मौसमी अनाज जैसे गेंहू की बालियां और चने रखें।
सबसे पहले होलिका के चारों ओर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें। - दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती लगाएं।
- होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमा पर रोली, अक्षत और फूल अर्पित करें।
- गेंहू की बालियां और चने अग्नि में चढ़ाएं।
- भगवान विष्णु और प्रह्लाद की कथा का पाठ करें।
दान और भोग
- दहन के बाद घर पर भगवान विष्णु और प्रह्लाद के लिए विशेष भोग तैयार करें, जैसे हलवा, पंचमेवा, या मिठाई।
- ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, और धन का दान करें।
आरती और भजन
- पूजा के अंत में भगवान विष्णु और होलिका की आरती करें।
- भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान का गुणगान करें।
समापन
यह दिन भारतीय संस्कृति में न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह एकता, भाईचारे और प्रेम का संदेश भी देती है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं और समाज में उत्साह का संचार करते हैं।