मंगल ग्रह एक आक्रामक या सैनिक ग्रह के रूप में जाना जाता है। जिस जातक के कुंडली में मंगल चौथे, सातवें, या आठवें भाव में हो, उसे मंगल दोष कहा जाता है। यदि एक विवाहित जोड़े में से किसी एक की कुंडली में मंगल दोष हो, तो उनकी विवाहित जीवन पर अत्यंत बुरा प्रभाव पड़ता है। मंगल दोष को अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे भोंम या कुंज दोष।
मंगल दोष के निम्न प्रकार होते हैं: उच्च, निम्न, आसान, मध्यमा, कठोर। ज्योतिष के अनुसार, मंगल दोष जातक को 28 वर्ष की आयु तक परेशान करता है, इसके बाद इसका प्रभाव कम या समाप्त हो जाता है। मंगल दोष किसी को भी हो सकता है, चाहे वह महिला हो या पुरुष। मुख्य रूप से मंगल दोष का प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, व्यापार, और परिवार पर पड़ता है।
अगर किसी कन्या की कुंडली में मंगल दोष हो, तो विवाह से पहले उसका पीपल या किसी अन्य वृक्ष के साथ विवाह कराकर मंगल दोष का प्रभाव समाप्त किया जाता है। मंगल के प्रभाव से व्यक्ति के व्यापार में हानि, परिवार में कलह, स्वास्थ्य पर प्रभाव, और वित्तीय समस्याएँ आदि देखने को मिलती हैं।
मंगल दोष के प्रकार | Mangal Dosh Ke Prakaar
- मृदु मंगल: जातक की कुंडली में यदि मंगल विराजमान हो और उस पर किसी अन्य ग्रह का शुभ प्रभाव हो, तो इसे मृदु मंगल कहते हैं।
- उच्च मंगल: जिस जातक की कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8, या 12 भाव में हो, उसे उच्च मंगल कहा जाता है।
- निम्न मंगल: जिस जातक की कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8, या 12 भावों में से किसी एक भाव में हो, उसे निम्न मंगल कहा जाता है।
- मध्यम मंगल: कुंडली में मध्यम मंगल का अर्थ है कि मंगल किसी शुभ ग्रह के साथ हो, लेकिन अन्य ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी हो, तो इसे मध्यम मंगल दोष कहा जाता है।
- कठोर मंगल: जातक की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ ग्रह के साथ हो और बुरा प्रभाव डालता हो, तो इसे कठोर मंगल कहा जाता है।
मंगल दोष के लक्षण (Mangal Dosh Ke Lakshan)
- व्यक्ति का स्वभाव अहंकारी हो जाता है।
- व्यापार में हानि, वित्तीय समस्याएँ, और कर्ज लेने की नौबत आ जाती है।
- कोर्ट-कचहरी, मुकदमे जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है और पहचान पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
- स्वास्थ्य समस्याएँ और गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
- पति-पत्नी और परिवार में लड़ाई-झगड़े शुरू हो जाते हैं।
- विवाह में समस्याएँ आती हैं।
मंगल दोष के उपाय (Mangal Dosh ke Upay)
- मांगलिक दोष होने पर नीम का पेड़ लगाकर उसकी सेवा करनी चाहिए।
- मंगल शांति पूजा करानी चाहिए।
- पीपल, केले आदि के साथ विवाह कराना चाहिए।
- हर मंगलवार भगवान हनुमान की पूजा और चालीसा पढ़नी चाहिए।
- तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- गरीब या असहाय को गुड़ और मसूर की दाल दान करनी चाहिए।
- सुंदरकांड का पाठ कराना चाहिए।
- अपने क्रोध पर काबू करना चाहिए।
- बंदरों को केला खिलाना और पशुओं की सेवा करनी चाहिए।
मंगल दोष में क्या नहीं करना चाहिए (Mangal Dosh Main Kya Nhi Karna)
- किसी भी व्यक्ति को आहत या कष्ट नहीं पहुँचाना चाहिए।
- मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अहंकारी स्वभाव और गुस्से पर काबू रखना चाहिए।
- आस्तिक न बनकर, ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए।
- लड़ाई-झगड़े और दूसरों की बुराई नहीं करनी चाहिए।
- धन का फिजूल खर्च नहीं करना चाहिए।