बुढ़वा मंगल में भगवान हनुमान की वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है। हिन्दू कलेंडर के अनुसार हर साल ज्येष्ठ माह में प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है की इसकी शुरुआत महाभारत काल से है, इससे एक संबंधित है – एक बार पांडवो में भीम को घमंड हो गया की उनके जैसा शक्तिशाली कोई नहीं है।
भीम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी ने यह रूप धरण कर उनका घमंड तोड़ा था। इसी वजह से भगवान हनुमान के इस स्वरूप की पूजा बुढ़वा मंगल के रूप में की जाती है।
बुढ़वा मंगल 2024 | Budhwa Manga
वर्ष 2024 में बुढ़वा मंगल नीचे दिए तारीख को पड़ेगा-
- पहला बुढ़वा मंगल 28 मई 2024 को पड़ेगा।
- दूसरा बुढ़वा मंगल 4 जून 2024 को पड़ेगा।
- तीसरा बुढ़वा मंगल 11 जून 2024 को पड़ेगा।
- चौथा बुढ़वा मंगल 18 जून 2024 को पड़ेगा ।
बुढ़वा मंगल पूजा विधि | Pooja Vidhi
- सर्वप्रथम भगवान हनुमान का गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करे।
- इसके साथ प्रभु श्री राम की अभिषेक व पूजा करे।
- इसके बाद घी या चमेली के तेल से दीपक जलाए।
- अब सिंदूर व चंदन लगाए।
- इसके बाद पुष्प चढ़ाए और तुलसी माला भी चढ़ाए।
- भगवान को लड्डू का भोग लगाये।
- हनुमान चालीसा का पाठ करे।
- इसके बाद अंत में हनुमान जी आरती करनी चाहिए।
बुढ़वा मंगल क्यों मनाते है? | Budhwa Manga Kyo Jata hai
बुढ़वा मंगल का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। मान्यता है की एक बाद पांडवों में से भीम को अपनी शक्तियों पर अहंकार हो गया, की उनसे ज्यादा शक्तिशाली कोई नहीं है और उनका सामना पृथ्वी पर कोई भी नहीं कर सकता है।
इस घमंड को तोड़ने के लिए महाबली हनुमान एक वृद्ध वानर का रूप धरण कर के आए और भीम के मार्ग में लेट गए। जब भीम आए तो उन्होंने वृद्ध वानर को हटने के लिए कहा। परंतु भगवान ने कहा मै विश्राम कर रहा हु, कृपया कर के आप ही इसे हटा लीजिए।
तब भीम ने क्रोध में भगवान को साधरण वानर समझ के पुंछ हटाने का प्रयास किया, परंतु असफल हो गए। कई प्रयास के बाद भीम यह समझ चुके थे की, यह कोई साधारण वानर नहीं है अपितु यह कोई दैवीय शक्ति है।
तब भीम ने उनसे क्षमा मांगी और असली रूप में आने की प्रार्थना करने लगे। तब हनुमान जी अपने वास्तविक रूप में आए और उन्होंने भीम से कहा ‘अहंकार करने से हमेशा हानी होती है’। अब भीम को अपनी गलती का एहसास हो चुका था और अहंकार भी टूट चुका था।