शनि जयंती हर साल शनिदेव के अवतरण के रूप मे ज्येष्ठ माह में अमावस्या को मनाया जाता है। मान्यता है की शनि जयंती के दिन भगवान शनि की पूजा और उनका भोग लगाने और दान कार्य करने से शनि की साढ़े साती और ढैया से मुक्ति मिलती है।
- शनि देव एक क्रूर ग्रह माने जाते है, यह व्यक्ति पर उनके कुंडली और कर्म के अनुसार सजा देते है।
- इसीलिए शनि जयंती पर पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते है, और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- शनि जयंती के दिन काला रंग के वस्त्र, लोहे की वस्तु, दाल दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते है।
- इसके आलवा व्यक्ति को शनि जयति पर अपनी परछाई दान करनी चाहिए या मंदिर में रखना चाहिए।
शनि जयंती 2025 | Shani Jayanti 2025 Date
वर्ष 2025 में शनि जयंती 27 मई दिन मंगलवार को पड़ेगी। इसकी तिथि की शुरुआत 26 मई 2025 को दोपहर 12:12 मिनट पर होगी, और समाप्ति अगले दिन 27 मई 2025 को दिन 8:32 मिनट पर होगी।
व्रत विधि | Vrat Vidhi
- शनि जयंती के दिन स्नान आदि के सर्वप्रथम स्वच्छ वस्त्र धारण करे।
- इसके बाद शनिदेव को पुष्प अर्पित करे।
- इसके बाद घी का दीपक जलाए।
- शनि देव को तेल आदि चढ़ाए।
- शनि चालीसा का पाठ करे।
- इसके बाद आरती करे।
- अंत में क्षमता नुसार दान करे।
कथा | Katha
एक बार सूर्य देव अपनी पत्नी के छाया के पास उनसे मिलने गये। तथा उस समय गर्भवती थी। सूर्यदेव के तेज प्रकाश को वह सह न सकी और उन्होंने कुछ क्षण के लिए अपनी आँखें बंद कर लिया।
कुछ दिनों बाद जब शनदेव का जन्म हुआ तो उनका रंग श्यामल रंग का था जिसे देखकर सूर्य देव ने उन्हे अपना पुत्र मानने से मना कर दिया। इसके बाद शनिदेव और अपनी पत्नी को वहाँ से निकाल दिया।
सूर्य देव के इस बर्ताव के कारण शनिदेव नाराज हो गए, और उन्होंने सूर्यदेव की तरफ अपने दृष्टि डाली तो सूर्यदेव का शरीर काला पड़ने लगा यह देख सूर्य देव डर गए। इसका कारण उन्हे सभी देवताओ व भगवान शिव ने बताया ।
फिर सूर्य देव ने यह निर्णय लिया की वह अपनी पत्नी और पुत्र से शनिदेव से अपनी गलती का क्षमा मांगेंगे। क्सूर्यदेव शनि देव और अपनी पत्नी से गलती की क्षमा मांगते है तो शनि देव ने उन्हे माफ कर दिया और अपनी दृष्टि हटा लिया।
शनि जयंती के उपाय | Shani Jayanti Upay
- शनि जयंती के दिन शनिदेव के साथ भगवान शिव तथा आराध्य की पूजा करनी चाहिए।
- इसके आलवा व्यक्ति को काली उड़द, काला छाता, काला कंबल, लोहे की वस्तु दान करना चाहिए।
- व्यक्ति को दूसरों की सहायता व किसी का अनादर नहीं करना चाहिए।
- इस दिन पर अपनी छाया दान करनी चाहिए छाया दान के लिए जातक को बर्तन में तेल डालकर अपना चेहरा उसमे देखना चाहिए और उसके बाद दान करना चाहिए।