रामेश्वरम मंदिर, भारत के मुख्य चार धामों में से एक है, और यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग है। मान्यता है की इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने लंका विजय करने के लिए की थी, इसीलिए इस मंदिर का नाम भगवान राम के नाम पर ही ‘रामेश्वरम मंदिर’ पड़ा है।
- रामेश्वरम मंदिर तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है, और इसे स्थानीय लोग रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
- इस मंदिर में प्रवेश और भगवान शिव के दर्शन करने का कोई शुल्क नहीं है पूजा और अभिषेक के लिए आप सुबह 6:00 बजे से और शाम 6:00 बजे तक आ सकते हैं।
- इस मंदिर में दर्शन के लिए सभी को पारंपरिक वस्त्र धारण करना अनिवार्य है।
- महिलाओं को साड़ी, सूट आदि पहनने की सलाह दी जाती है, जबकि पुरुषों को धोती कुर्ता या अन्य पारंपरिक वस्त्र पहनने का पालन करना होता है।
समय | Timing
रामेश्वरम मंदिर सप्ताह के सातों दिन प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक खुला रहता है। इसके बाद मंदिर पुनः 3:00 बजे खुलता है और रात्रि 9:00 बजे तक खुला रहता है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग | Rameshwar jyotirlinga
रामेश्वरम मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से प्रथम ज्योतिर्लिंग माना गया है। जिसकी स्थापना भगवान श्री राम ने स्वयं लंका विजय के लिए की थी। यह मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित है।
ड्रेस कोड़ | Dress Code
इस मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले भक्तों को अपने वस्त्रों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। मंदिर में पाश्चात्य शैली के वस्त्रों को धारण करने वाले भक्तों का प्रवेश वर्जित है। यहाँ दर्शन के लिए सभी को पारंपरिक वस्त्र धारण करना अनिवार्य है।
महिलाओं को सूट, साड़ी आदि पहनने की सलाह दी जाती है, जबकि पुरुषों को कुर्ता, धोती आदि धारण करना पड़ता है।
इतिहास | History
पौराणिक मान्यता है की भगवान राम ने माता सीता को रावण से छुड़ाने के लिए, तथा रावण के वध से मुक्ति के लिए भगवान शिव की पूजा करना चाहते थे। जिसके लिए उन्हे भगवान शिव का स्वरूप या एक शिवलिंग की आवश्यकता थी। परतू पूजा के लिए वहाँ पर कोई मंदिर ही नहीं था, इसीलिए भगवान राम ने हनुमान जी से शिवलिंग लाने की आग्रह किया।
भगवान राम की आज्ञा मानकर हनुमान जी कैलाश पर्वत पर गए, परंतु वहाँ से शिवलिंग लेकर समय से नहीं आ पाए। जिसके कारण भगवान श्री राम ने समुन्द्र से रेत उठाकर शिवलिंग को स्थापित किया।
जिस स्थल पर राम जी द्वारा भगवान शिव की शिवलिंग की स्थापना की गई, उस स्थल को रामेश्वरम नाम दिया गया, और इस मंदिर को रामेश्वरम मंदिर कहा गया।