जगन्नाथ पुरी, ओडिशा राज्य के पुरी जिले में स्थित एक प्राचीन और भारत के चार पवित्र धामों मे एक हैं। मंदिर के गर्भगृह मे भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजमान हैं और इनकी पूजा की जाती हैं
यहा मंदिर कई रहस्यमय कारणों की वजह से विख्यात हैं, जैसे की ध्वज का हवा के विपरीत दिशा मे उड़ना, मुख्य शिखर की छाया जमीन पर ना पड़ना, प्रसाद का कभी खतम ना होना।
मंदिर का रहस्य | Jagannath Puri Temple Mystery
मंदिर में कई रहस्यमयी तथ्य छिपे हुए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख रहस्य निम्नलिखित हैं:
- ध्वज का दिशा परिवर्तन: मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज प्रतिदिन हवा की विपरीत दिशा में फहरता है।
- सुदर्शन चक्र का रहस्य: मंदिर के शीर्ष पर स्थित सुदर्शन चक्र किसी भी स्थान से देखने पर हमेशा हमारे सामने दिखाई देता है।
- मंदिर का मुख्य शिखर: मंदिर के मुख्य शिखर की छाया दिन के किसी भी समय पृथ्वी पर नहीं पड़ती।
- प्रसाद की मात्रा: हर दिन मंदिर में बनने वाले प्रसाद की मात्रा निश्चित होती है और यह हमेशा सभी भक्तों में वितरित हो जाती है, चाहे भक्तों की संख्या कितनी भी हो।
जगन्नाथ पुरी की कहानी | Jagannath Puri Story
जगन्नाथ पुरी का इतिहास और महत्व अत्यंत प्राचीन है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने यहां जगन्नाथ (विश्व के स्वामी) के रूप में अवतार लिया। ऐसा कहा जाता है कि इंद्रद्युम्न नामक एक राजा ने एक दिव्य स्वप्न के आधार पर इस मंदिर का निर्माण किया। यह मंदिर अद्वितीय है क्योंकि यहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां काठ से बनी होती हैं और इन्हें नियमित अंतराल पर नवकलेवर (मूर्तियों का पुनः निर्माण) की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
दर्शन का समय | Jagannath Puri Timing
जगन्नाथ मंदिर के दर्शन व आरती मे शामिल होने के लिए भक्तों को निम्नलिखित समय का पालन करना पड़ता है:
- मंदिर खुलने का समय: सुबह 5:00 बजे
- मंदिर बंद होने का समय: रात 11:00 बजे
- सुबह की आरती का समय: सुबह 6:30 बजे
- शाम की आरती का समय: शाम 7:00 बजे
- भक्तजन पूरे दिन भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा | Jagannath Puri Rath Yatra
जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा विश्वप्रसिद्ध है और इसे विश्वभर में सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। यह यात्रा हर साल आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आयोजित की जाती है। 2024 में यह यात्रा 7 जुलाई को होगी। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा तीन विशाल रथों में सवार होकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। लाखों भक्त इस यात्रा में भाग लेकर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
पुरी का तापमान | Jagannath Puri Temperature
पुरी का मौसम सामान्यतः समुद्री तट पर स्थित होने के कारण सालभर सुखद रहता है। यहां का औसत तापमान निम्नलिखित होता है:
- गर्मी: 25°C से 35°C (मार्च से मई)
- मानसून: 24°C से 32°C (जून से सितंबर)
- सर्दी: 15°C से 25°C (अकटूबेर से फरवरी)
यह का मौसम भक्तों के लिए अनुकूल रहता है और वे सालभर यहां दर्शन के लिए आ सकते हैं।