आषाढ़ माह (जून/जुलाई) व माघ मास( जनवरी/फरवरी) में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। साल में 2 अन्य पड़ने वाली नवरात्रियों में माँ जगदंबा यानि माँ दुर्गा की आराधना की जाती है परंतु गुप्त नवरात्रि में माँ दुर्गा के 10 महाविद्यायों की पूजा की जाती है, इस पूजा को साधु, संतों व तांत्रिक क्रियाकलाप के लिए अधिक किया जाता है।
10 महविध्याओ इस प्रकार है – माँ काली, त्रिपुर भैरवी, धूमवाती, बंगलावती, भुवनेश्वरी, मातंगबगी, तारा, छिन्नमस्ता, कमलदेवी, त्रिपुर सुंदरी है। इन मातो या विद्याओ की पूजा करने से अनेक विद्या व रहस्यमयी शक्ति प्राप्त होती है।
- गुप्त नवरात्रि को पंजाब, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश व उत्तराखंड में विशेष तौर पर मनाया जाता है।
- गुप्त नवरात्रि की पूजा सामान्य रूप से अपनी सुख-समृद्धि के कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
- हर साल 2 बार गुप्त नवरात्रि आती है, एक आषाढ़, दूसरा माघ माह में आती है।
गुप्त नवरात्रि 2024 तारीख और समय | Gupt Navratri 2024 date and time
- पहली गुप्त नवरात्रि:वर्ष 2024 की माघ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 10 फरवरी दिन शनिवार से हुआ था , तथा समाप्ति 18 फरवरी दिन को हुई थी।इस नवरात्रि की तिथि का प्रारंभ – 10 फरवरी को 4:28 मिनट पर होगा, तथा समाप्ति अगले दिन 11 फरवरी को 11:27 मिनट पर होगा।
- दूसरी गुप्त नवरात्रि: 6 जुलाई दिन शनिवार को शुरू हो रही है, तथा समाप्ति 15 जुलाई 2024 दिन सोमवार को होगी, इस नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ सुबह 6 जुलाई 2024 की सुबह 4:30 बजे होगा, तथा समाप्ति 7 जुलाई 2024 की सुबह 7:00 बजे होगी।
पूजा विधि | Puja Vidhi
- प्रातःकाल स्नान आदि से नृवृत होकर स्वच्छ वस्त्र पहने।
- उसके माँ की प्रतिमा की गंगाजल से स्नान कराये।
- कलश को गोबर से व जौ से सजाए व उसमे गंगाजल डालकर स्थापित करे।
- इसके बाद घी का दीपक जलाये।
- मा को शृंगार का समान अर्पित करे, व तिलक करे।
- माँ को पुष्प अर्पित करे।
- इसके बाद भोग लगाए।
- इसके बाद कथा करे।
- अंत में आरती करे।