रंग पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो होली के पाँचवें दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग सूखे गुलाल से होली खेलते हैं और विशेष मीठे पकवान बनाते हैं। इस त्योहार का संबंध भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ रंगों से होली खेलने से है।
यह त्योहार हर साल फरवरी या मार्च में बड़े उत्साह और जोश के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों में मनाया जाता है।
- रंग पंचमी को देवपंचमी, कृष्णपंचमी, श्री पंचमी नाम से भी जाना जाता है।
- इस त्योहार पर भगवान श्री कृष्ण व राधा रानी की पूजा अर्चना करते है, तथा सभी देवताओ को इस पर्व पर शामिल होने के लिए आवाहन करते है।
- रंग पंचमी का पर्व धूम धाम से प्रतिवर्ष महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ उत्तरप्रदेश के मथुरा में मनाया जाता है।
- इस दिन पर भगवान कृष्ण व राधा रानी को गुलाल व अबीर अर्पित करने से उनका आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है व सुख समृद्धि आती है।
- इसके आलवा रंग पंचमी के दिन जुलुस निकाला जाता है, और पानी के बड़े बड़े टैंक को लेकर रंग गुलाल खेला जाता है।
- रंग पंचमी के बाद से उस वर्ष रंग खेलना समाप्त हो जाता है।
रंग पंचमी 2025 तारीख | Rang Panchami 2025 Date
रंग पंचमी वर्ष 2025 में 19 मार्च, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। इसकी पंचमी तिथि की शुरुआत 18 मार्च को रात 10:10 बजे होगी और इसका समापन 20 मार्च 2025 को दोपहर 12:35 बजे होगा।
पूजन सामग्री | Puja Samagri
भगवान कृष्ण व राधा रानी की प्रतिमा, अक्षत, फूल, गुड, चना, कुमकुम, गंगाजल, पंचामृत, चंदन, केला, घी, दीपक।
पूजा विधि | Puja Vidhi
- प्रातः काल उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे।
- भगवान कृष्ण व राधा रानी को गंगा जल से स्नान कराये।
- इसके बाद घी का दीपक जलाए।
- दीपक के भगवान का तिलक करे, और उन्हे पुष्प अर्पित करे।
- इसके बाद गुलाल, अबीर अर्पित करे।
- इसके बाद भगवान को भोग लगाए।
- अंत में भगवान की आरती करे।
रंग पंचमी क्यों मनाई जाती है? | Rang Panchami kyu manaya jata hai
रंग पंचमी त्योहार से संबंधित कथाये है –
कथा – 1
रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी पर रंग डाला था, इसीलिए इस दिन को याद करने के सभी हिन्दुओ द्वारा रंगपंचमी का त्योहार हर साल चैत्र माह में कृष्ण पक्ष के पंचमी को मनाई जाती है। इस दिन सभी होली खेलते है, और अपने दोस्तों रिस्तेदार के इस पर्व पर आनंद पूर्वक मनाते है।
कथा – 2
मान्यता है की भगवान शिव ने एक बार काम देव को क्रोध में भस्म कर दिया था। काम देव को भस्म होते देखकर सभी देवता विचार करने लगे की अब सृष्टि में कामदेव के कार्यों व दायित्वों का निर्वाह कौन करेगा।
यही सोच-विचार के सभी देवता भगवान शिव के पास गए, और उनसे इसके निवारन करने की प्रार्थना करने लगे। तब भगवान शिव ने देवताओ से कामदेव को पुनः जीवित करने की आश्वाशन दिया। यह सुन सभी देवता प्रसन्न हो गए, तथा कामदेव के पुनर्जीवित होने के बाद होली खेल कर इस दिन को रंग पंचमी उत्सव के रूप में मनाया गया।
बाद में इस त्योहार को मनाने की परंपरा, धरती पर पृथ्वी वासी भी गुलाल और रंग खेलकर प्रतिवर्ष मनाने लगे।