जब किसी जातक की कुंडली में राहू और केतु के मध्य अन्य सभी ग्रह आ जाते है और राहू केतु किसी सर्प के भांति शुभ ग्रहों को अपनी कुंडली में जकड़ ले तो, इस स्थिति को कालसर्प दोष के नाम से जाना जाता है।
ऐसा माना जाता है, सर्प की इस कुंडली में होने के कारण कोई भी शुभ ग्रह अपना अच्छा प्रभाव व्यक्ति पर नहीं डाल पाता और व्यक्ति को जीवन में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- काल सर्प की संज्ञा राहू केतु को दी जाती है, जिसमे काल राहू को और सर्प केतु को कहा जाता है।
- ऐसा माना जाता है की व्यक्ति के पूर्व जन्म के किए गए पापों के परिणाम स्वरूप व्यक्ति को कालसर्प योग भुगतना पड़ता है।
- एक और मान्यता है की जो जातक अपने पूर्व जन्म में सापो को कष्ट देता है या उन्हे मार देता है तो अगले जन्म में वह काल सर्प दोष से प्रभावित रहता है।
- काल सर्प दोष का प्रभाव जातक पर लगभग 42 वर्ष तक रहता है।
- इस दोष व्यक्ति को मानसिक रूप से, व्यपार में, स्वास्थ्य, और सामाजिक रूप से परेशान रहता है।
- काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए काल सर्प मुक्ति पूजा कराना चाहिए।
- इस पूजा में कभी भी गर्भवती महिला नहीं बैठ सकती है।
कालसर्प दोष के लक्षण | Kaal Sarp Dosh ke Lakshan
- कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है।
- व्यक्ति के बनते-बनते काम बिगड़ या पूरे तरीके से रुक जाते है।
- व्यक्ति को व्यापार में हानी सहकार्यकर्ताओ से वैचारिक मतभेद भी हो सकता है।
- व्यक्ति को रात्रि में डरावने या सांप के स्वप्न आते है।
- इसके अलावा प्रभावित व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
- जातक को अपनी मेहनत के अनुसार लाभ प्राप्त नहीं होता है, और वह निराश होता है।
- परिवार के सदस्यों से नोक-झोंक या आपसी मनमुटाव रहता है।
- जातक अचानक से आई हुई समस्याओ को समझ नहीं पाता, मानसिक रूप से परेशान रहता है।
- कालसर्प दोष के कारण दुर्घटना, परिवार में कलह आदि घटनाए भी घटित होती है।
काल सर्प दोष दूर करने के उपाय | Kaal Sarp Dosh ke Upay
- काल सर्प दोष दूर करने के लिए जातक को कालसर्प दोष मुक्ति पूजन कराना चाहिए।
- इसके अलावा व्यक्ति को गोमेद रत्न धारण करना चाहिए।
- अन्य उपायों में व्यक्ति को चांदी का सर्प का जोड़ा बनवाकर, उसका पूजन कर बहती नदी में प्रवाहित करना चाहिए।
- प्रतिदिन सुबह भगवान शिव की पूजा करना चाहिए, विशेषकर भगवान शिव के नाग की भी पूजा करनी चाहिए।
- अपनी क्षमतानुसार भोलनाथ के मंदिर में भंडारा, और मंदिर साफ सफाई पुताई कराना चाहिए।
- इसके आलवा जातक अपने भार जितना कोयला नदी में प्रवाहित कर सकता है।
- किसी भी सर्प को सपेरे से खरीद कर उसे जंगल में ले जाकर छोड़ देने से भी लाभ होता है।
कालसर्प दोष पूजा नासिक मे | Kaal Sarp Dosh Puja in Nashik
- कालसर्प से पीड़ित व्यक्ति को पंडित के सलाहनुसार, नासिक जाकर कालसर्प दोष का पूजा पाठ कराना चाहिए।
- नासिक कालसर्प दोष की मुक्ति पूजा के लिए सम्पूर्ण भारत में विख्यात है। यह एक मात्र ऐसा स्थल है, जहां पर विशेष रूप से कालसर्प दोष की पूजा होती है।
- नासिक में काल सर्प की पूजा की कीमत स्थानों और सुविधा के अनुसार होती है।
- अगर आप पूजा मंदिर के हाल में करते है तो 1100 रुपये लगते है।
- यहाँ पूजा करने के लिए कम से कम एक दिन पूर्व यहाँ आना होगा।
- कालसर्प दोष पूजा लगभग 3 घंटे तक चलती है।
कालसर्प दोष पूजा के बाद क्या नहीं करना चाहिए ?
- पूजा समाप्ति के तुरंत बाद जातक को मंदिर में मूड कर नहीं देखना चाहिए।
- पूजा के बाद मादक पदार्थ व मांसहार व किसी भी नसीली वस्तुओ का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- पूजा के बाद कभी भी किसी भी नाग नागिन मंदिर में शीश नहीं झुकाना चाहिए।
- पूजा के बाद अपने परिवार और प्रिय की तरफ नहीं देखना चाहिए।
- काल सर्प की पूजा के बाद जातक को लड़ाई-झगड़े या अपशब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए।