कुबेर धन के स्वामी माने जाते हैं। कहा जाता है कि कुबेर मंत्र के उपयोग से व्यक्ति को धन और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है, और कर्ज का संकट दूर हो जाता है। कुबेर के कई प्रकार के मंत्र होते हैं। जिनसे हमे अलग-अलग प्रकार के लाभ होते हैं।
- कुबेर जी हिन्दू पौराणिक देव हैं जो धन के स्वामी और धनवानता के देवता माने जाते हैं।
- इनकी आराधना करने से धन में व्रद्धि और कर्ज से मुक्ति मिलती हैं।
- कुबेर मंत्र का जाप करने से व्यापारमें सफलता मिलती है।
- इनके पिता महर्षि वैश्रवण और माता देववर्णिणी थीं।
- श्री कुबेर जी ने देवी भद्रा से विवाह किया, जो सूर्य देव की पुत्री थी।
- भगवान शिव के वरदान से यह उत्तर दिशा से दिक्पाल और लोकपाल बने।
- वास्तु शास्त्र मैं उल्लेख हैं की, उत्तर दिशा के सुवमी कुबेर हैं जो धन का संचालन करते हैं।
- धन प्राप्ति के लिए रोजाना कम से कम “कुबेर मंत्र” 108 बार या एक माला का जाप जरूर करे।
- अन्य मंत्रों की तरह, कुबेर मंत्रों का उच्चारण भी सकारात्मक वातावरण बनाने में सहायताकरता हैं।
कुबेर जी के 6 मंत्र और उनके लाभ।
1. कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥”
- यह एक मात्र सबसे मंत्र महतपूर्ण मंत्र हैं। इसका जाप आपको धन में व्रद्धि का परिणाम देगा।
- आप श्रद्धाभाव से इस मंत्र का जप करते हैं तो, आपको प्रसिद्धि और धन प्राप्त होगा।
- आपको कोई भी आर्थिक हानि नहीं होगी, और आपके दुश्मन आपको कोई हानि नहीं पहुंचा सकेंगे।
- इस मंत्र को नियमित रूप से पढ़ने से आपके कार्य में लाभ होने में मदद होगी।
2. कुबेर आस्था लक्ष्मी मंत्र
“ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी
मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥”
- इस मंत्र के साथ, आप भगवान कुबेर से धन और सुख प्रदान करने की मनोकामना करते हैं।
- जब इन्हे देवी लक्ष्मी के साथ पूजा जाता है। तो भगवान कुबेर, उसके प्रति भक्तिमय होने वाले व्यक्ति को सर्वश्रेष्ठ आशीर्वाद देते हैं ।
3. कुबेर मंत्र
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥“
- यह मंत्र आपके जीवन और आपके परिवार में समृद्धि और खुशियों को लाने के लिए फायदेमंद है।
- श्री कुबेर आपकी भौतिक इच्छाएं पूरी करेंगे
- आप इस मंत्र का सच्ची निष्ठ से जप करते हैं। तो आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में भी मदद करेगा।
4. कुबेर गायत्री मंत्र
“ॐ यक्षा राजाया विद्महे, वैशरावनाया धीमहि,
तन्नो कुबेराह प्रचोदयात् ॥”
कुबेर गायत्री मंत्र का जाप करने से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण में सुधार होता है, और व्यक्ति को सत्य की प्राप्ति में मदद मिल सकती है।
5. महालक्ष्मी कुबेर मंत्र
“ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे
विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात ॐ ।”
- इस मंत्र के माध्यम से आप कुबेर और देव महालक्ष्मी से यह प्रार्थना कर रहे हैं कि आपको खुसी प्रदान करे।
- जब आप इस मंत्र को विश्वास के साथ पढ़ना शुरू करते हैं, तब भगवान कुबेर और देवी महालक्ष्मी किरपा करेंगी कि आपकी सभी इच्छाएं पूरी हों।
6. लक्ष्मी कुबेर मंत्र
“ॐ श्रीम हरिम कलीम इंग सॉन्ग ॐ
हरिम काली लीला हरिम है सा का ला हरिम
सकल हरिम सॉन्ग इंग कलीम हरिम श्री ॐ ।”
- इस मंत्र का उच्चारण आपको तत्काल परिणाम देगा, इसलिए आपको इसे रोजाना बहुत देर तक ध्यान के साथ जपना चाहिए।
- मां दुर्गा के दस रूपों के नामों का जप करें, जिसमें लक्ष्मी, सरस्वती, और काली शामिल हैं, और आपको अपने जीवन में बहुत जल्दी अच्छा परिणाम मिलेंगे।
- इसका जप करते समय देवियों पर पूरा ध्यान दें।
मंत्र जाप की विधि।
- एक शांत, पवित्र स्थान का चयन करें जो आपको ध्यान में लगने में मदद करेगा।
- स्नान करके पूजा स्थल पर बैठे।
- जब भी मंत्र या कुबेर चालीसा का जाप करे, तो उनकी ध्यानात्मक चित्र अपने सामने रखे और अपने मन मैं समर्पित करें।
- मंत्र का जप करते समय ध्यान को संभालें और मन को शांत रखे।
- मन को शुद्ध करने के लिए कुछ गहरी सांसें लें और मानसिक शांति प्राप्त करें।
- मंत्र रोजाना 108 बार या माला का जाप जरूर करे।
मंत्र जाप के नियम।
- श्रद्धा और निष्ठा: मंत्र जाप श्रद्धा और निष्ठा के साथ करें, यानी मंत्र के प्रति विश्वास और प्रेम होना महत्वपूर्णहैं ।
- माला का उपयोग: माला का उपयोग करके मन को एकाग्र करें, हर मंत्र को सुन्दरता से बोलें।
- सावधानी: मंत्र जाप के समय मानसिक स्थिति को सावधानीपूर्वक बनाए रखें।
- आहार: सात्विक और हल्का आहार लें ताकि शारीरिक और मानसिक शुद्धि हो।
- मंत्र का अभ्यास: मंत्र का नियमित अभ्यास करें और समर्पित रहें।
- गुरु की मार्गदर्शन: अगर संभावना हो, तो एक आदर्श गुरु की मार्गदर्शन लें।
मंत्र जाप के नियमों का पालन करना भक्ति मैं महत्वपूर्ण सहारा प्रदान करता है।