हिन्दू शास्त्रों के अनुसार “राहु” एक राक्षस का बिना धड़ वाला सिर एवं एक छाया ग्रह के रूप मे जाना जाता हैं। यह ग्रह किसी भी व्यक्ति या राशि पर 18 साल के लिए गोचर करता हैं, और इसी 18 साल के समय को राहु महादशा कहा जाता हैं।
राहु अपने राक्षसी स्वभाव के कारण व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता हैं और इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन को कठिनाइयों भरा बना देता है। यह महादशा मानसिक, सामाजिक, और आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डालती है। इस अवधि में व्यक्ति का जीवन नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता हैं।
राहु की महादशा के लक्षण | Rahu Ki Mahadasha Ke Lakshan
राहु की महादशा के दौरान कई प्रकार के लक्षण दिखाई से सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
मानसिक तनाव :
- राहु की महादशा का सबसे बड़ा लक्षण है, मानसिक तनाव, जिसके कारण व्यक्ति किसी न किसी वजह से तनावपूर्ण अवस्था में रहता है।
- अधिक चिंता, सिरदर्द, और आत्मविश्वास की कमी के लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं।
व्यापारिक समस्या:
- व्यापार मे व्यक्ति के बनते-बनते काम बिगड़ने लगते हैं।
- अधिक मेहनत के बावजूद भी लाभ में कमी होती है।
- इस अवधि में, व्यवसाय में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
धन संबंधी समस्याएं:
- राहु की महादशा में धन की आवक में कमी होती है।
- व्यक्ति के अनियंत्रित खर्चों में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है, जो धन की कमी का कारण बन सकती है।
सामाजिक संबंधों में कठिनाई:
- अचानक से लोगों का स्वभाव आपके लिए बदलने लगता हैं और आपकी बातों का अलग या फिर गलत मतलब निकालने लगते हैं। इससे आपके संबंधों पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।
- व्यक्ति का अपने घर परिवार के संबंद जैसे की माता-पिता , और बहन-भाई से रिश्ते खराब होने लगते हैं।
- व्यक्ति अपने सामाजिक संबंधियों से बात-बात पर बहस या विवाद करने लगता हैं, जिससे उनके सामाजिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है।
पेट की समस्याएँ:
- राहु की महादशा में व्यक्ति को पेट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि अत्यधिक एसिडिटी, गैस, और पेट दर्द।
नींद की समस्याएँ:
- नींद की समस्याएँ व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती हैं और उनकी उत्पादकता और जीवन की गुणवत्ता पर असर डाल सकती हैं।
राहु की महादशा के उपाय | Rahu Ki Mahadasha Ke Upay
- राहु की महादशा के दौरान, व्यक्ति अपने इष्ट भगवान के मंत्रों का जाप और पूजा का अभ्यास कर सकता है। इससे मन को शांति और ध्यान प्राप्त होती है।
- आप चाहे तो राहु मंत्र का 18,000 बार जाप, आप स्वंय कर सकते या किसी पंडित जी द्वारा करवा सकते हैं।
- सबसे महतपूर्ण हैं आपके स्वभाव को अति विनम्र बनाए और सभी के साथ अति शालीनता एवं विनम्रता के साथ पेश आए।
- अपने क्रोध पर काबू रखे और किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहे।
- प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करे व मंदिर मे शिव लिंग पर जल चढ़ाए।
- योग और ध्यान का अभ्यास करना मानसिक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देता है और व्यक्ति को अधिक सकारात्मक और संतुलित बनाता है।
- राहु की महादशा में दान करना भी शुभ होता है। व्यक्ति गरीबों के प्रति दया और उदारता का परिचय कर सकता है।
- ज्योतिषियों द्वारा सिफारिश किए गए किसी भी राहु के उपाय का पालन करना, जैसे कि राहु के उपाय के रूप में राहु के मंत्र जाप या राहु के विशेष पूजा का आयोजन।
- व्यक्ति को अपने कर्मक्षेत्र में ईमानदारी से काम करना चाहिए और धार्मिक कार्यों में सक्रिय भाग लेना चाहिए।
राहु की महादशा मे क्या नहीं करना चाहिए
- धूम्रपान व शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
- किसी के लिए व्यक्ति अपशब्द का प्रयोग न करे।
- शनिवार का दिन राहु का होता हैं, तो इस दिन मांसाहार का सेवन न करे।
- शनिवार के दिन लोहा व स्टील से बनी वस्तु न खरीदे।
जानिए राहु कौन हैं ? | Rahu Kon hain?
समुद्र मंथन के समय, जब मंथन से अमृत निकला था, तो भगवान विष्णु ने मोहिनी के रूप में प्रकट होकर देवताओं को अमृत पिलाया। उस समय, एक राक्षस देवता के रूप में भेष बदलकर देवताओं के पास बैठ गया।
जब भगवान विष्णु उस राक्षस को अमृत पिलाने के लिए आगे बढ़े, तो उन्होंने उसे पहचान लिए और उसकी गर्दन तुरंत धड़ से अलग कर दी। उस समय, कुछ अमृत की बूँदें उसके कटे सिर और धड़ पर गिर गईं। उसके बाद, उस राक्षस का सिर और धड़ दोनों अमर हो गए और वह ब्रह्मांड के ग्रह बन गये। लोग इन ग्रहों को राहु और केतु के नाम से जानते हैं।
राहु एक छाया ग्रह है, जो हमारी सोच और बुद्धि को नियंत्रित करता है और हमें बुरे कार्य करने की प्रेरणा देता है। राहु की महादशा हर व्यक्ति पर होती है, और इसकी बुरी महादशा हर इंसान के जीवन पर प्रभाव डालती है।