विजया एकादशी हिन्दू कलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है।
विजया एकादशी 2024 | Vijaya Ekadashi 2024
साल 2024 मे विजया एकादशी 6 मार्च दिन बुधवार 2024 को थी। तिथि का आरंभ 6 मार्च को सुबह 6:30 बजे और समाप्ति 7 मार्च को प्रातः काल 4:13 मिनट पर हुई थी।
महत्व
इस एकादशी व्रत को करने से आप अपने शत्रुओ और विरोधिओ से जीत सकते है। इस एकादशी व्रत के बारे में जानकारी कई पुराण और ग्रंथ में भी मिलता है। इस एकादशी व्रत को कर के आप किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है।
विजया एकादशी व्रत कथा | Vijaya Ekadashi Vrat katha
त्रेतायुग में जब भगवान राम माता सीता को रावण से छुड़ाने के लिये लंका अपने सैनिकों सहित जा रहे थे, तो रास्ते में उन्हे एक समुन्द्र मिला। जिसे सैनिकों सहित पार करने के लिय रास्ता की जरूरत थी।
भगवान राम समुन्द्र पार कैसे किया जाए विचार कर रहे थे, तब लक्ष्मण जी ने कहा हे परूषोंतम यहाँ से कुछ दूर पर ही एक वकदालभ्य नाम के ऋषि रहते है कृपया कर के आप उनके पास जाइए वो आपको अवश्य कोई रास्ता बताएंगे।
यह सुन भगवान राम वकदालभ्य ऋषि के पास गए और उनसे समुन्द्र पार करने का रास्ता पूछने लगे। वकदालभ्य ऋषि राम जी को देखते ही पहचान गए, की ये भगवान विष्णु है जो जनकल्याण के लिए मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया है।
ऋषि ने कहा “ हे राम आप आप फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखिए, आपको सफलता मिलगी और समुन्द्र पार कर लंका जाने का रास्ता भी मिलेगा । तथा इस व्रत का पालन अगर आप अपनी समस्त सेना के साथ करेंगे, तो आपको और अधिक लाभ मिलेगा।“
ऋषि की बात सुनकर भगवान राम ने फाल्गुन मास की विजया एकादशी का व्रत किया, और उन्होंने समुन्द्र पार किया तथा लंकापति रावण को पराजित भी किया।