धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्री सत्यनारायण आरती का पाठ करने से जीवन में सभी प्रकार के दुःख और संकट दूर हो जाते हैं।
- वे भगवान विष्णु के ही एक रूप हैं, जिनका उल्लेख स्कन्द पुराण में है।
- श्री सत्यनारायण जी की पूजा पूर्णिमा तिथि पर विधि-विधान से की जाती हैं।
- पूर्णिमा तिथि पर, भगवान सत्यनारायण आरती एवं सत्यनारायण की कथा का सुनना और पड़ना अति लाभदायक बताया गया हैं।
- यदि आप भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करना चाहते हैं, तो इनके इस रूप की पूजा जरूर करे।
- इस आरती को नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और उन्नति होती है।
श्री सत्यनारायण आरती (Shri Satyanarayan Aarti)
जय लक्ष्मी रमणा श्री जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी जन पातक हरणा ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
रत्न जड़ित सिंहासन अद्भुत छबि राजे ।
नारद करत निराजन घण्टा ध्वनि बाजै ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
प्रगट भए कलिकारण, द्विज को दरस दियो ।
बूढ़े ब्राह्मण बन कर कंचन महल कियो ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
दुर्बल भील कठारो जिन पर कृपा करी।
चन्द्रचूड़ एक राजा जिनकी विपत्ति हरी॥
जय लक्ष्मी.. ॥
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीन्हीं।
सो फल भोग्यो प्रभुजी फिर अस्तुति कीन्हीं ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
भावभक्ति के कारण छिनछिन रूप धर्यो।
श्रद्धा धारण कीनी तिनको काज सर्यो ।
जय लक्ष्मी.. ॥
ग्वालबाल संग राजा वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों दीनदयालु हरी ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
चढ़त प्रसाद सवायो कदली फल मेवा।
धूप दीप तुलसी से राजी सत्य देवा ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
श्रीसत्यनारायण की आरती जो कोई नर गावे ।
तन-मन सुखसम्पत्ति मनवांछित फल पावे ॥
जय लक्ष्मी.. ॥
सत्यनारायण जी की आरती के लाभ
श्री सत्यनारायण आरती का पाठ करने के कई लाभ माने जाते हैं। इस आरती को सच्चे मन से पाठ करने से, भगवान सत्यनारायण की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- श्री सत्यनारायण आरती का पाठ करने से आत्मिक शांति और सुख मिलता है। यह आरती मन को शुद्धि और प्रेरणा प्रदान करती है, जो आत्मिक अभ्यास में मदद करता है।
- इस आरती का पाठ करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। भगवान के आशीर्वाद से कठिनाईयों का सामना करने में साहस और उत्साह बढ़ता है।
- भक्त अगर इसका नियमित पाठ करता हैं, तो उसे परिवार में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
- इस आरती का पाठ करने से धार्मिक और मानवीय गुणों का विकास होता है। यह अनुशासन, संयम, ध्यान, और सेवा जैसे गुणों को विकसित करता है।
- मान्यता यह भी हैं की, इसका पाठ करने से जीवन में शुभ फल प्राप्त होता है और अशुभ घटनाओं से बचाव होता है।