जयपुर शहर में स्थित श्री कल्कि मंदिर एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जिसका निर्माण जय सिंह द्वितीय द्वारा कराया गया था। यह मंदिर 10वीं सदी का 300 साल पुराना मंदिर माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जय सिंह द्वितीय अपने कार्यकाल के दौरान इस मंदिर में नियमित रूप से पूजा करने आते थे। यह मंदिर भगवान विष्णु के दसवें अवतार, कल्कि के लिए समर्पित है और उनके अवतार से पहले ही निर्मित कर दिया गया था।
श्री कल्कि मंदिर का महत्व और इतिहास
श्री कल्कि मंदिर भगवान विष्णु के अंतिम अवतार, कल्कि को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कलियुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेकर धरती पर अधर्म का नाश करेंगे और धर्म की पुनः स्थापना करेंगे। इसी मान्यता के आधार पर इस मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर को धार्मिक आस्था को बढ़ावा देने और भक्तों को भगवान कल्कि के महत्व से परिचित कराने के उद्देश्य से स्थापित किया गया।
श्री कल्कि मंदिर की वास्तुकला
श्री कल्कि मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का मुख्य भवन सफेद संगमरमर से निर्मित है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान कल्कि की भव्य मूर्ति स्थापित है, जो दिव्य आभा से युक्त है। मंदिर का मंडप सुंदर नक्काशीदार स्तंभों से सुसज्जित है, जो इसकी भव्यता को और भी बढ़ाते हैं। मंदिर के चारों ओर सुंदर बगीचे और ध्यान स्थल बनाए गए हैं, जहां भक्त ध्यान और शांति का अनुभव कर सकते हैं।
श्री कल्कि मंदिर जयपुर खुलने का समय
श्री कल्कि मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए प्रातः 6:00 बजे से 11:00 बजे तक और संध्या 6:00 बजे से 8:00 बजे तक दर्शन और पूजा का समय निर्धारित किया गया है।