शिरडी के साई बाबा, एक संत और फकीर के रूप में प्रसिद्ध थे, जो सभी धर्मों को समान मानते थे और वह ईश्वर की एकरूपता पर विश्वास करते थे। उनका सम्मान और पूजा हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग करते थे। साई बाबा के जन्मस्थल, माता-पिता, परिवार और धर्म के बारे में कोई भी लिखित साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
प्रारंभ में साई बाबा को शिरडी और उसके आसपास के क्षेत्रों में ही जाना जाता था, लेकिन वर्तमान में शिरडी के साई बाबा मंदिर का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। यहाँ दर्शन के लिए आए भक्तों को घंटों तक लाइन में लगना पड़ता है।
शिर्डी साई मंदिर | Shirdi Sai Baba Mandir
यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले में स्थित है और यह भारत के सर्वाधिक अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है। साई बाबा की प्रतिमा को एक विशाल सिंहासन पर विराजमान किया गया है, जिसके ऊपर एक चांदी की छतरी भी लगी हुई है।
साई बाबा की इस भव्य प्रतिमा का निर्माण 1954 में बालाजी बसंत द्वारा किया गया था। मंदिर के सामने एक बड़ा हाल बना हुआ है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त बैठ सकते हैं।
साई बाबा की प्रतिमा के पास ही साई समाधि मंदिर का निर्माण 1916-1917 के दौरान नागपुर के करोड़पति व्यक्ति श्रीमंत गोपालराव बूटी ने कराया था।
प्रारंभ में यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण के लिए बन रहा था, लेकिन बाद में इसे साई बाबा की समाधि में परिवर्तित कर दिया गया। साई बाबा मंदिर का आंतरिक और बाहरी भाग सोने से मढ़ा हुआ है। यह मंदिर कुछ विशेष अवसरों जैसे होली, दशहरा और रामनवमी पर पूरी रात खुला रहता है।
मंदिर टाइमिंग | Shirdi Sai Mandir Timing
यह मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे भक्तो के लिए खुल जाता है और रात्रि 11 बजे तक खुला रहता है। इस मंदिर में भक्तो के प्रवेश व दर्शन का कोई शुल्क नहीं है।
इस साई मंदिर में प्रतिदिन चार बार साई बाबा की आरती की जाती है।
- सुबह की आरती प्रतिदिन सुबह 5:15 मिनट पर होती है।
- दोपहर की आरती प्रतिदिन 12:00 बजे की जाती है।
- शाम की आरती प्रतिदिन 6:30 बजे आयोजित होती है।
- रात्रि की आरती को हर दिन रात्रि 10:00 बजे की जाती है।