साई बाबा एक संत थे, इनको शिर्डी के साईं बाबा के नाम से जाना जाता हैं, और लोग बाबा को भगवान का अवतार भी माना करते थे।
- साई बाबा का व्रत गुरुवार को किया जाता है, इस व्रत को 5,7,9,11 की संख्या में रखा जाता है।
- व्रत में साई बाबा को भोग में लदू, मूंग दाल की खिचड़ी, बेसन के लड़ू चढ़ाया जाता है।
- इस व्रत को कोई भी कर सकता है स्त्री, पुरुष, बच्चे, बूढ़े युवा।
- साई बाबा को हिन्दू तथा मुस्लिम दोनों धर्म के पूजा जाता हैं।
- इन्होंने धर्म या जाति के आधार पर लोगों में भेदभाव करने की निंदा की।
साई बाबा व्रत कथा | Sai Baba Vrat Katha In Hindi
एक नगर में कोकिला नाम की महिला अपने पति के साथ रहती थी। पति का नाम महेश था, पति व पत्नी आपस में प्रेम से रहते थे। कोकिला बहन का स्वभाव बहुत ही शांत और धार्मिक था। वह भगवान पर हमेशा भरोसा करती थी।
पर उनके पति महेशभाई का स्वभाव गुस्सैल और झगड़ालू था। उनके इसी स्वभाव के कारण उनका कारोबार ठप हो गया। रोजगार ठप हो जाने की वजह से महेश भाई उनका स्वभाव और भी चिड़चिड़ा हो गया।
एक बार दोपहर के समय एक बूढ़ा व्यक्ति आया जिनके चेहरे पर एक दिव्य तेज था, और वह दाल चावल मांगने लगे। कोकिला बहन ने बूढ़े व्यक्ति को दाल चावल दिए और हाथ जोड़े कर प्रणाम किया।
तब बूढ़े व्यक्ति ने आशीर्वाद दिया “साई सुखी रखे” तब कोकिला बहन ने कहा की मेरे जीवन में सुख कहा है, और अपनी सारी तकलीफ बताई। बूढ़े व्यक्ति ने उन्हे साई व्रत के बारे में बताया और बोले अपनी इच्छानुसार 9, 11 गुरुवार व्रत करना सुरू कर दो।
विधि विधान से उनकी पूजा और सूर्यास्त के बाद भोजन करना हैं ,अथवा उस दिन भूखे को भोजन कराना हैं। साई व्रत की किताब लोगों को भेट करना, क्योंकि उनकी कथा साईं व्रत के महत्व को समझाती है। और साईं बाबा सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
कोकिला बहन ने विधि विधान से साई बाबा का व्रत गुरुवार का व्रत किया और उद्यापन किया। देखते ही देखते उनके घर की हालत सुधर गई और उनके पति के स्वभाव में परिवर्तन आया और व्यपार फिर से अच्छा चलाने लगा, और उनका घर खुशियों से भर गया ।
एक बार महेश के बड़े भाई और उनकी पत्नी उनके घर आए। और वह बातों-बातों में ही बोले की हमारे बच्चे पढ़ाई नहीं करते है और परीक्षा में असफल हो जाते है। यह सुनकर कोकिला बहन ने साई बाबा के व्रत के बारे में बताया।
9 गुरुवार व्रत और साईं की आरती का पाठ करना हैं। व्रत का संकल्प पूरा हो जाने पर उद्यापन करना है, तथा 9वे गुरुवार को भूखे लोगों को भोजन कराना है। साई बाबा सब भक्तों की सहायता करते है।
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