तारीख | दिन | पूर्णिमा |
25 जनवरी 2024 | गुरुवार | पौष पूर्णिमा व्रत |
24 फ़रवरी 2024 | शनिवार | माघ पूर्णिमा व्रत |
25 मार्च 2024 | सोमवार | फाल्गुन पूर्णिमा व्रत |
23 अप्रैल 2024 | मंगलवार | चैत्र पूर्णिमा व्रत |
23 मई 2024 | गुरुवार | वैशाख पूर्णिमा व्रत |
22 जून 2024 | शनिवार | ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत |
21 जुलाई 2024 | रविवार | आषाढ़ पूर्णिमा व्रत |
19 अगस्त 2024 | सोमवार | श्रावण पूर्णिमा व्रत |
18 सितंबर 2024 | बुधवार | भाद्रपद पूर्णिमा व्रत |
17 अकतूबर 2024 | गुरुवार | आश्विन पूर्णिमा व्रत |
15 नवम्बर 2024 | शुक्रवार | कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
15 दिसम्बर 2024 | रविवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत |
पूर्णिमा कब है 2024 में
प्रत्येक महीने में 15 दिन मे एक बार पूर्णिमा आती है। पूर्णिमा के दिन चाँद हमे पूर्ण रूप से गोल आकार में दिखाई देता है। इस दिन सभी भक्तजन माँ लक्ष्मी भगवान विष्णु की आराधना, कथा दान – दक्षिणा, धर्म का कार्य करते है।
पौष माह पूर्णिमा व्रत – 25 जनवरी 2024 (ब्रहस्पतिवार)
शुभ मुहूर्त – पौष माह पूर्णिमा व्रत का आरंभ 24 जनवरी 2024 की रात्रि 9:52 से होगा, और अगले दिन 25 जनवरी 2024 को दोपहर 11:26 तक रहेगा।
माघ माह पूर्णिमा व्रत – 24 फ़रवरी 2024 (शनिवार)
शुभ मुहूर्त – माघ माह पूर्णिमाव्रत का आरंभ23 फ़रवरी 2024 को दोपहर 3:36 से होगा, जो अगले दिन 24 फरवरी को शाम 6:30 तक रहेगा।
फाल्गुन माह पूर्णिमा व्रत – 25 मार्च 2024 (सोमवार)
शुभ मुहूर्त – फाल्गुन माह पूर्णिमा व्रत का आरंभ 24 मार्च 2024 को शाम 9:57 से होगी, जो अगले दिन 25 मार्च 12:32 तक रहेगा।
चैत्र माह पूर्णिमा व्रत – 23 अप्रैल 2024 (मंगलवार)
शुभ मुहूर्त – चैत्र माह पूर्णिमा का आरंभ 23 अप्रैल 2024 को दोपहर 3:27 पर होगी, जो अगले दिन 24 अप्रैल 2024 को 5:20 तक होगी।
वैशाख माह पूर्णिमा व्रत – 23 मई 2024 (गुरुवार)
शुभ मुहूर्त – वैशाख माह के पूर्णिमा व्रत का आरंभ 22 मई 2024 को शाम 6:49 पर होगी, जो अगले दिन 23 मई 2024 को शाम 7:24 तक रहेगा।
ज्येष्ठ माह पूर्णिमा व्रत – 22 जून 2024 (शनिवार)
शुभ मुहूर्त – ज्येष्ठ माह के पूर्णिमा व्रत का आरंभ 21 जून 2024 को शाम 7:33 पर होगा, और अगले दिन 22 जून 2024 को 6:39 तक रहेगा।
आषाढ़ माह पूर्णिमा व्रत – 21 जुलाई 2024 (रविवार)
शुभ मुहूर्त – आषाढ़ माह पूर्णिमा व्रत का आरंभ20 जुलाई2024 को 6:1 पर होगा, और अगले दिन 21 जुलाई 2024 को 3:48 तक रहेगा।
श्रावण माह पूर्णिमा व्रत व्रत – 19 अगस्त 2024 (सोमवार)
शुभ मुहूर्त – श्रावण माह पूर्णिमा तिथि का आरंभ 19 अगस्त 2024 को 3:7 से होगा, और रात्रि 11:57 तक रहेगा।
भाद्रपद माह पूर्णिमा व्रत – 18 सितंबर 2024 (बुधवार)
शुभ मुहूर्त – भाद्रपद पूर्णिमा तिथि का आरंभ 17 सितंबर 2024 को 11:46 पर होगा, और अगले दिन 18 सितंबर 2024 को सुबह 8:06 तक रहेगा।
आश्विन माह पूर्णिमा व्रत – 17 अक्टूबर 2024 (गुरुवार)
शुभ मुहूर्त – आश्विन माह के पूर्णिमा व्रत का आरंभ 16 अक्टूबर 2024 को रात 8:43 से होगा, और अगले दिन शाम 4:58 तक रहेगा।
कार्तिक माह पूर्णिमा व्रत – 15 नवंबर 2024 (शुक्रवार)
शुभ मुहूर्त – कार्तिक माह के पूर्णिमा व्रत का आरंभ 15 नवंबर 2024 को 6:21 पर होगा, और अगले दिन 16 नवंबर 2024 को 3 बजे तक रहेगा।
मार्गशीर्ष माह पूर्णिमा व्रत -15 दिसंबर 2024 (रविवार)
शुभ मुहूर्त – मार्गशीर्ष माह के पूर्णिमा व्रत का आरंभ 14 दिसंबर 2024 को शाम 5:1 पर होगा, और अगले दिन 15 दिसंबर 2024 को दोपहर 2:33 तक रहेगा।
पूर्णिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का बहुत ही महत्व है, इसमे भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी तथा चंद्रमा की पूजा की जाती है।
- जिस दिन पूर्णिमा होती है, उस दिन चाँद हमे पूर्णरूप से गोल आकार में दिखाई देता है।
- पूर्णिमा मे कुछ लोग व्रत रहते है, तथा सत्यनारायण भगवान की कथा हवन आदि करते है।
- इस दिन किसी तीर्थस्थल पर स्नान करना, कथा करना, दान पुण्य का कार्य करने से घर में सुख शांति आती है।
- पूर्णिमा प्रत्येक माह में एक बार आती है, और इस प्रकार साल में 12 बार आता है।
- सभी पूर्णिमा में माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का अधिक महत्व है।
- ऐसा माना जाता है की माघ माह में सभी देवी देवता पृथ्वी पर आते है।
- हर माह की पूर्णिमा में आप अपनी इच्छा और सामर्थ्यनुसार दान अवश्य करे।
- इस दिन कोई भी शुभ कार्य करना अच्छा माना जाता है, जैसे- वाहन लेना, घर निर्माण, यात्रा, इत्यादि।
- हर माह की पूर्णिमा पर कोई न कोई पर्व या जयंती अवश्य पड़ती है:
- पौष पूर्णिमा – शाकंभरी जयंती
- माघ पूर्णिमा – संत रविदास जयंती, श्री ललित जयंती
- फाल्गुन पूर्णिमा – होली
- चैत्र पूर्णिमा – हनुमान जयंती
- वैशाख पूर्णिमा – बुद्ध पूर्णिमा
- ज्येष्ठ पूर्णिमा – कबीर जयंती, वट सावित्री
- आसाढ़ पूर्णिमा – गुरु पूर्णिमा
- श्रावण पूर्णिमा – रक्षाबंधन
- भाद्रपद पूर्णिमा – उमा महेश्वर व्रत
- आश्विन पूर्णिमा – शरद पूर्णिमा
- कार्तिक पूर्णिमा – गुरु नानक जयंती
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा – दत्तात्रेय जयंती
पूर्णिमा पूजा विधि
- सर्वप्रथम प्रातःकाल उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करे।
- मंदिर में भगवान को गंगाजल से स्नान कराए।
- इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करे और तिलक करे।
- इसके बाद माँ लक्ष्मी, भगवान विष्णु का रोली से तिलक करे। और धूप, घी का दीपक जलाए।
- भगवान विष्णु को पीले रंग के तथा माँ लक्ष्मी को लाल पुष्प अर्पित करे।
- इसके बाद भोग में मिश्री, माखन ,फल चढ़ा सकते है।
- शाम को चंद्र उदय होने पर चंद्रमा की पूजा भी करे।
पूर्णिमा के दिन क्या नहीं करना चाहिए ?
- पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
- प्याज, लहसून का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जुआ, शराब, आदि कार्यों को नहीं करना चाहिए।
- बाल, नाखून को नहीं कटाना चाहिए।
- काले रंग के वस्त्र न पहने।
- किसी का अपमान और गुस्सा न करे।
महत्व
- पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्ध देने से, सभी दोष से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक रोगों से मुक्ति, शारीरिक एवं मानसिक विकाश होता है।
- परिवार मे मतभेद और अशान्ति से छुटकारा मिलता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- शरीर निरोग रहता है, सुंदर काया मिलती है।
- आपकी सारी इच्छा मनोकामना पूर्ण होती है।