नवरात्रि 2024 में, अप्रैल और अक्टूबर माह मे पड़ेंगे। चैत्र नवरात्रि अप्रैल में और शारदीय नवरात्रि अक्टूबर में होंगे।
चैत्र नवरात्रि 2024 अप्रैल (Chaitra Navratri 2024 April)
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 मंगलवार से शरू हो रहे है और 18 अप्रैल तक हैं। इसमे 9 दिन शेरावाली माता के अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है।
नवरात्रि 2024 अप्रैल | दिन | माता की पूजा |
9 अप्रैल 2024 | प्रथम मंगलवार | माँ शैलपुत्री |
10 अप्रैल 2024 | द्वितीय बुधवार | माँ ब्रह्मचारिणी |
11 अप्रैल 2024 | तृतीय गुरुवार | माँ चंद्रघंटा |
12 अप्रैल 2024 | चतुर्थी शुक्रवार | माँ कूष्माण्डा |
13 अप्रैल 2024 | पंचमी शनिवार | स्कंदमाता |
14 अप्रैल 2024 | षष्ठी रविवार | कात्यायिनी |
15 अप्रैल 2024 | सप्तमी सोमवार | कालरात्रि |
16 अप्रैल 2024 | अष्टमी मंगलवार | महागौरी |
17 अप्रैल 2024 | नवमी बुधवार | सिद्धिदात्री |
18 अप्रैल 2024 | दशमी गुरुवार | माँ दुर्गा मूर्ति विसर्जन |
शारदीय नवरात्रि 2024 अक्टूबर (Shardiya Navratri 2024 date October)
शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से शुरू हो रहे है और 12 अक्टूबर तक रहेगी। दशहरा, या विजया दशमी, 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
नवरात्रि 2024 अक्टूबर | दिन | माता की पूजा |
3 अक्टूबर 2024 | प्रथम गुरुवार | माँ शैलपुत्री |
4 अक्टूबर 2024 | द्वितीय शुक्रवार | माँ ब्रह्मचारिणी |
5 अक्टूबर 2024 | तृतीय शनिवार | माँ चंद्रघंटा |
6 अक्टूबर 2024 | चतुर्थी रविवार | माँ कूष्माण्डा |
7 अक्टूबर 2024 | पंचमी सोमवार | माँ स्कंदमाता |
8 अक्टूबर 2024 | षष्ठी मंगलवार | माँ कात्यायिनी |
9 अक्टूबर 2024 | सप्तमी बुधवार | कालरात्रि |
10 अक्टूबर 2024 | अष्टमी गुरुवार | महागौरी |
11 अक्टूबर 2024 | नवमी शुक्रवार | सिद्धिदात्री |
12 अक्टूबर 2024 | दशमी शनिवार | माँ दुर्गा का विसर्जन |
चैत्र और शारदीय नवरात्रि कलश स्थपना का शुभ मुहूर्त
- चैत्र नवरात्रि में कलश स्थपना का समय प्रातः काल 6 : 03 से 10 :15 तक है। इसके बाद का मुहूर्त है, दोपहर 11:50 से 12: 45 तक है।
- शारदीय नवरात्रि में कलश स्थपना का समय प्रातःकाल 6 : 15 से 07 : 21 तक है। यह 1 घंटा 6 मिनट तक रहेगा।
- इन शुभ मुहूर्त में कलश स्थपना करने से आपकी पूजा सफल होती है।
नवरात्रि मे माँ दुर्गा की पूजा और महत्व
- हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत ही महत्व है।
- इस पर्व को सभी लोग बहुत ही हर्षोउल्लास से मनाते है।
- माता दुर्गा को शेरावाली मैया, देवमाता, दक्षकन्या, शूलधारिणी आदि नामों से जाना जाता है।
- नवरात्रि में माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा 9 अलग-अलग दिन की जाती है।
- नवरात्रों में ज्यादा से ज्यादा लोग व्रत करके, माता की पूजा अर्चना करते है।
- दशमी को विधि विधान से पूजा हवंन आदि कर के, माँ की विदाई धूम धाम से की जाती है।
- नवरात्रि शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “नौ रात का समय”।
नवरात्रि क्यों मनाया जाता है?
ऐसा माना जाता है की माँ शेरावाली चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को अवतरित हुई थी। महिषासुर का वध करने के लिये। देवताओ ने माता के 9 भव्य स्वरूप को अपने अश्त्र शस्त्र दिए थे, और इन्ही शस्त्रों से मैया ने महिशासुर का वध किया।