नर्मदा जी की आरती भारतीय संस्कृति में एक पवित्र और आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक है। माँ नर्मदा को मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी माना जाता है, जो अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। इस आरती के माध्यम से भक्तजन नर्मदा जी की महिमा का गुणगान करते हैं और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते है।
॥ नर्मदा जी की आरती॥
ॐ जय जगदानंदी, मैया जय आनंद्करनी
ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा शिव हरी शंकर रुद्री पालान्ती,
॥ॐ जय जगादानंदी ॥
देवी नारद शारद तुम वरदायक, अभिनव पदचंडी,
सुरनर मुनि जन सेवत, सुरनर मुनि जन ध्यावत, शारद पदवंती,
॥ॐ जय जगदानंदी॥
देवी धुम्रक वाहन राजत वीणा वादयती,
झुमकत झुमकत झुमकत, झननन झननन झननन, रमती राजन्ती,
॥ॐ जय जगदानंदी ॥
देवी बाजत ताल मृदंगा, सुरमंडल रमती
तोड़ीतान तोड़ीतान तोड़ीतान तुररड तुररड तुररड, रमती सुरवंती,
॥ॐ जय जगदानंदी ॥
देवी सकल भुवन पर आप विराजत निशदिन आनंदी,
गावत गंगाशंकर सेवत रेवाशंकर तुम भाव मेटन्ती,
॥ॐ जय जगदानंदी ॥
मैयाजी को कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती,
अमरकंठ में विराजत, घाटन घाट विराजत कोटि रतन ज्योति,
॥ॐ जय जगदानंदी ॥
माँ रेवा की आरती जो कोई जन गावै मैया जो सुन्दर गावै
भजत शिवानन्द स्वामी जपत हरिहर स्वामी , मनवांछित फल पावै,
॥ॐ जय जगदानंदी ॥
माँ नर्मदा जी की आरती का महत्त्व | Narmada Ji Ki Aarti Ka Mahatva
माँ नर्मदा जी की आरती गाने से उनके भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि जो भी इस आरती को सच्चे मन से गाता है, माँ नर्मदा उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
यह आरती न केवल माँ नर्मदा की महिमा को उजागर करती है, बल्कि यह भक्तों के जीवन में सकारात्मकता और सुख-शांति का संचार करती है। इस आरती को सुनने से एक अद्भुत और पवित्र अनुभव होता है और आरती का गान हमें माँ नर्मदा के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर देता है। जो भी इस आरती को सच्चे हृदय से गाता है, उसे माँ नर्मदा का