हिन्दू ज्योतिषी के अनुसार, वर-वधू के कुंडली मिलान के आठ महत्वपूर्ण पहलुओ में से नाड़ी एक प्रमुख पहलू है। और वर-वधू का समान नाड़ी का होना नाड़ी दोष कहलाता है। इसीलिए विवाह के लिए वर वधू का अलग-अलग नाडी का होना आवश्यक होता है।
विवाह पूर्व कन्या और वर पक्ष की कुंडली मिलान किया जाता है, अगर कुंडली मिलान में नाड़ी दोष होता है, तो ऐसे विवाह को उचित नहीं माना जाता व विवाह के लिए मना कर दिया जाता है।
- नाड़ी दोष के जातक की जब विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है, तो अगर कुंडली में नाड़ी दोष हो तो उन्हे 8 में से 0 अंक मिलता है।
- इसी अंक को नादी दोष की संज्ञा दी जाती है।
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्र जातक की कुंडली में आश्विन में होता है, तब यह दोष होता है।
- नाड़ी दोष के प्रकार – आदि, मध्य, अन्त्य नाड़ी दोष।
- मान्यता है की नाड़ी दोष के जातकों को मुख्य रूप से प्रभाव उनकी वैवाहिक जीवन पर होता है।
- अगर नाड़ी दोष जातक का विवाह हो भी जाता है, तो गर्भधारण करने में समस्या आती है।
- वर वधू के अलग अलग राशि होने, और उन दोनों के ग्रह के एक स्वामी होने से नाड़ी दोष नहीं लगता है।
- अगर वर एवं कन्या पक्ष की राशि एक हो लेकिन नक्षत्र अलग अलग होने पर नाड़ी दोष नहीं माना जाता।
- नाड़ी दोष के जातक का विवाह सफल, नाड़ी दोष समाधान के बाद ही होती है।
नाड़ी दोष के प्रकार | Nadi Dosh ke Prakar
आदि नाड़ी दोष-
आदि नाड़ी के दोष के जातकों का विवाह में समस्या आती है, और अगर विवाह हो भी गया तो उनके विवाह अधिक समय तक चलता नही है। कुछ ही दिनों में दोनों पक्ष में वाद विवाद, वैचारिक मतभेद, लड़ाई झगड़े, कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने की नौबात या जाती है।
मध्य नाड़ी दोष –
मध्य नाड़ी दोष 2 अन्य नाड़ी दोषों में से सबसे कष्टकरी होती है। इसके अलावा दोनों पति पत्नी के जीवन पर खतरा बना रहता है। अचानक से कोई भी अशुभ घटना और संकेत का सामना जातक को करना पड़ता है।
अन्त्य नाड़ी दोष-
अन्त्य नाड़ी दोष के जातकों को विवाह के बाद और विवाह से पहले भी जीवन में हर पल कठिनाई का सामना करना पड़ता है। महिला को गर्भधारण की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके आलवा बच्चा अगर जन्म भी लेता है,तो वह किसी न किसी आनुवंशिक बीमारी या मानसिक विकार से पीड़ित होता है।
नाड़ी दोष के लक्षण | Nadi Dosh ke Lakshan
- दोष के प्रभाव से पति पत्नी में लड़ाई झगड़े और तलाक की नौबात या जाती है।
- माता या पिता से बच्चे को कोई जन्मजात बीमारी हो सकती है।
- नाड़ी दोष के कारण जातक का बच्चा असामान्य या विकृत प्रकृति का होता है।
- आर्थिक या वित्तीय समस्या, धन का अपव्यय होता रहता है।
- इसके अलावा व्यक्ति के व्यापार और उसकी पहचान पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
- परिवार में एक दूसरे की बीच गलतफहमी, या लड़ाई झगड़े होना शुरू हो जाता है।
- इसके अलावा नाडी दोष के प्रभाव से व्यक्ति को मृत्यु के समान कष्ट मिलता है।
- स्वास्थ्य खराब रहता है, या अत्यंत गंभीर बीमारी से जूझ रहे होता है।
नाड़ी दोष के उपाय | Nadi Dosh ke Upay
- कन्या का विवाह होने से पूर्व उसका विवाह किसी वृक्ष या भगवान विष्णु से करना चाहिए इससे भगवान कष्ट को हर लेते है।
- नाड़ी दोष के जातको को महामृत्युजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- अपनी क्षमतानुसार अन्न दान, सोना दान करना चाहिए।
- नाड़ी दोष का निवारण जातक को ज्योतिष के अनुसार पूजा पाठ करना चाहिए।
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