मथुरा भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली है, तथा यह स्थल हिन्दू धर्म मे बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस शहर का जिक्र सबसे पुराने महाकाव्य रामायण में भी किया गया है।
- मथुरा उत्तर प्रदेश में स्थित है, यह शहर यमुना नदी के पश्चिम दिशा में बसा है।
- मथुरा में विभिन्न देवी देवताओ सहित लगभग 5000 से ज्यादा मंदिर है।
- यह नगर धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र है, जिसमें मंदिर, कुंज, और अन्य पवित्र स्थल हैं।
- मथुरा के प्रसिद्ध स्थलों में द्वारकाधीश मंदिर, निधिवन, वृंदावन, प्रेम मंदिर, नन्द महल, गोकुल महल, गोवर्धन पर्वत गोकुल, श्रीकृष्ण जन्म भूमि आदि है।
- मथुरा की ध्वनि और महोल भक्तों को श्रीकृष्ण के भव्य लीलाओं में ले जाता है।
मथुरा के प्रसिद्ध स्थल
- द्वारकाधीश मंदिर
- कृष्ण जन्मस्थान मंदिर
- भूतेश्वर महादेव मंदिर मथुरा
- पोतरा कुंड मथुरा
- कसं किला मथुरा
- पोतरा कुंड
- यमुना नाव की सवारी मथुरा
- विश्राम घाट
- मथुरा म्युजियम मथुरा
- चामुंडा देवी मंदिर
- बिड़ला मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर मथुरा
- यह मंदिर मथुरा का दूसरा सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है।
- इस मंदिर का निर्माण 1814 में भगवान श्री कृष्ण के भक्त सेठ गोकुलदास ने शुरू किया था, पर उनके निधन के बाद उनके पुत्र लक्षमिचन्द्र ने निर्माण कार्य पूर्ण किया।
- इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के जीवन के विभिन पहलुओ को चित्रित किया गया है।
- मथुरा जंक्शन से द्वारकाधीश मंदिर की दूरी लगभाग 5 किलोमीटर है।
- मथुरा जंक्शन से द्वारकाधीश जाने के लिए ई रिक्सा का किराया 20 रुपया है।
- अगर आप गाड़ी से आते है तो आपको मैन रोड पर ही गाड़ी पार्क करनी होगी, जिसका किराया 100 रूपया है
- द्वारकाधीश मंदिर सुबह 6:30 से 10:30 और 4:00 से 7:00 बजे तक भक्तों के लिए खुलता हैं।
कृष्ण जन्मस्थान मंदिर मथुरा
- श्री कृष्ण जन्म भूमि मथुरा का सबसे प्रसिद्ध स्थल है।
- यह मंदिर जेल की काल कोठरी के चारों तरफ बनाया गया है, मान्यता है की इसी जेल में भगवान श्री कृष्ण के माता पिता को कैद कर के रखा गया था।
- द्वारकधीश मंदिर से श्री कृष्ण जन्म भूमि की दूरी 1.5 से 2 किलोमीटर है।
- द्वारकाधीश से कृष्ण जन्म भूमि का ई- रिक्शा का किराया 15 से 20 रुपया है।
- अगर आप गाड़ी से जा रहे है तो जन्म भूमि के पास ही पार्किंग स्थल है, वहा गाड़ी को पार्क कर सकते है।
- कृष्ण जन्मस्थान मंदिर सुबह 5:00 से 12:00 बजे तक और 4:00 से 9:30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के नियम
- आप मंदिर में फोन, कैमरा, स्मार्ट घड़ी, कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चमड़े का बेल्ट, चमड़े की जैकिट, पर्स आदि नहीं ले जा सकते है।
- इन सभी सामानों को रखने के लिए मंदिर के पास ही लॉकर की सुविधा उपलब्ध है, जिसके लिए आपको कुछ रुपये देने पड़ते है।
भूतेश्वर महादेव मंदिर मथुरा
- भूतेश्वर महादेव मंदिर बहुत ही प्राचीन एवं ऐतिहासिक है।
- ऐसा माना जाता है की यह मंदिर मथुरा की रक्षा करता है।
- भूतेश्वर महादेव की दर्शन किए बिना आपकी मथुरा की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती है।
- श्री कृष्ण जन्म भूमि से लगभग 1000 मीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है।
पोतरा कुंड मथुरा
- पोतरा कुंड की मान्यता यह है, की इस कुंड में शैस्वावस्था मे भगवान श्री कृष्ण के कपड़े धोए गए थे, इसीलिए इसको पोतरा कुंड कहा जाता है।
- पोतरा कुंड भूतेश्वर महादेव मंदिर से मात्र 700 मीटर की दूरी पर स्थित है।
- इस कुंड का खुलने और बंद होने का कोई समय नहीं है, आप किसी भी समय यहाँ जा सकते है।
कसं किला मथुरा
- कंस किला का निर्माण यमुना नदी के किनारे हुआ है, तथा इस किले पर कंस राज करते थे।
- इस किले को कंस का किला या कंस का टीला नाम से जाना जाता है।
- भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी यह ऐतिहासिक नगरी अत्यंत प्रसिद्ध है।
- पोतरा कुंड से कसं किला जाने तथा आने के लिए आप ई रिक्शा ले सकते है, जो आपको लगभग 200 रु तक पड़ेगा और इसमे 5 लोग आसनी से जा सकते है।
- द्वारकाधीश मंदिर से कंस किला की दूरी मात्र 500 मीटर की है।
यमुना नाव की सवारी मथुरा
- मथुरा यमुना नदी के किनारे स्थित है, अगर आप मथुरा दर्शन करने जाते है, तो आपको यमुना जी में नाव की सवारी का आनंद जरूर लेना चाहिए।
- दोपहर के समय जब सब मंदिर बंद रहते है, तो इस समय आप नाव की सवारी कर सकते है
- यमुना जी में नाव की सवारी करते हुए आस पास के कुछ घाटों के नज़ारे बहुत ही खूबसूरत दिखते है।
- यमुना जी में नाव की सवारी का किराया हर व्यक्ति का लगभग 100 से 150 रुपया तक लगता है।
विश्राम घाट मथुरा
- यमुना के तट पर स्थित विश्राम घाट सभी घाटों में सबसे प्रसिद्ध घाट है।
- इस घाट पर सभी श्रद्धालु पवित्र जल में स्नान करने तथा पूजा पाठ करने आते है।
- मान्यता है, की भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करने के बाद थक कर, इस घाट पर विश्राम किया था ।
- शाम के समय इसी घाट पर यमुना जी की आरती का आयोजन होता है।
- यमुना जी की संध्या आरती में आप सम्मिलित हो सकते है।
मथुरा म्युजियम मथुरा
- मथुरा म्यूसियम की स्थापना 1874 में की गई थी।
- इस म्यूज़ीअम में मौर्य वंश, शुंग वंश की मूर्तिया ,टेरकोटा और पत्थर की मूर्तिया, सोने चांदी के सिक्के, मिट्टी के प्राचीन बर्तन, पेंटिंग्स आदि है।
- इस म्युजियम की खुलने का समय सुबह 10:30 है, जो शाम को 04:30 तक खुला रहता है।
- इस म्युजियम् का प्रवेश शुल्क 10 रुपया है।
- कंस किला तथा राम जन्म भूमि से मथुरा म्युजियम की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।
- मथुरा जंक्शन से मथुरा म्युजियम की दूरी लगभग किलोमीटर है।
चामुंडा देवी मंदिर मथुरा
- चामुंडा देवी मंदिर माँ जगदंबा के 51 शक्तिपीठों में से एक है।
- ऐसा माना जाता है, की माँ जगदंबा के शरीर का एक अंश, उनका यहाँ बाल गिरा था।
- मंदिर के आकर्षण का केंद्र यह है की, यहाँ मंदिर के अंदर माता चामुंडा की मूर्ति नहीं है
- यह मंदिर मथुरा से वृंदावन मार्ग की गायत्री तपोभूमि के सामने ही स्थित है।
- भगवान श्री कृष्ण जन्म भूमि से चामुंडा देवी मंदिर की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।
- मथुरा जंक्शन से चामुंडा देवी मंदिर की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है।
- मंदिर जाने के लिए आप ई रिक्शा, ऑटो, अपनी खुद की गाड़ी आदि से जा सकते है।
बिड़ला मंदिर मथुरा
- बिड़ला मंदिर मथुरा से वृंदावन जाने वाले मार्ग पर स्थित है।
- इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की भव्य स्वेत प्रतिमा विराजमान है।
- मंदिर का उत्तर में लाल पत्थर के स्थमभ पर सम्पूर्ण गीता उत्कीर्ण है।
- बिड़ला मंदिर का निर्माण सेठ जगल किशोर बिड़ला ने कराया था।
- इस मंदिर में बिड़ला धर्मशाला भी है, जहां पर यात्री रात्रि में विश्राम के लिए रुकते है।
- यह मंदिर कृष्ण जन्म भूमि से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- मथुरा जंक्शन से लगभग 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
- कृष्ण जन्मस्थान मंदिर सुबह 5:00 से 12:00 बजे तक और 2:00 से शाम 8:30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।
पागल बाबा मंदिर मथुरा
- पागल बाबा मंदिर मथुरा से वृंदावन जाने वाले मार्ग पर ही स्थित है।
- मान्यता है की, पूर्णिमा के दिन यहाँ दर्शन करने से कोई भी भकत खाली हाथ नहीं जाता है।
- इस मंदिर का निर्माण एक जज जो भगवान कृष्ण की लीला को जानकर उन्हे खोजने निकल पड़े और फकीर बन गए, उन्हे ही बाद में लोग पागल बाबा कहने लगे और पागल बाबा ने इस मंदिर का निर्माण कराया था।
- यह मंदिर 10 मंजिल का बना हुआ है, तथा निचले मंजिल में पूरे साल कठपुतली नृत्य आयोजित होता है।
- यह मंदिर बिड़ला मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित है।
- पागल बाबा मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 5:00 से 11:00 तक और शाम 3:00 से 8:00 तक।