कामिका एकादशी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत व पूजा करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु आपके सारे कष्ट हर लेते है, व आपकी सारी मनोकमनाएँ पूर्ण करते है।
- एकादशी व्रत एकदाशी को सूर्योदय के पहले आरंभ होता है, व अगले दिन द्वादशी को सूर्योदय के पश्चात समाप्त होता है।
कामिका एकादशी 2024
साल 2024 मे कमिका एकादशी 31 जुलाई दिन बुधवार पड़ रही है। एकादशी तिथि आरंभ होगी 30 जुलाई 2024 को शाम 04:44 मिनट पर जो, अगले दिन 31 जुलाई को दोपहर 03:55 मिनट तक रहेगा।
कामिका एकादशी कथा
किसी गाँव में एक क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति रहता था, उस व्यक्ति की गाँव में किसी से नहीं बनती थी। एक बार उसके क्रोधी के कारण उस व्यक्ति का गाँव में झगड़ा हो गया, और उसने क्रोध में एक व्यक्ति की हत्या कर दी।
जब उसे एहसास हुआ की उसने अपने क्रोध के आवेश में आकर हत्या कर दी है, तो उसने उस व्यक्ति का श्राद्ध करने का निर्णय लिया तथा गाव वालों को भोजन पर बुलाया। परंतु गाँव में किसी भी व्यक्ति ने उसकी श्राद्ध में मदद नहीं की, और न ही उसके यहाँ शाम को भोजन करने आए।
तब क्रोधी व्यक्ति और दुखी हो गया, और सोचने लगा की कैसे अपने गलती का प्रायश्चित करू। यही विचार का समाधान ढूंढते – ढूंढते वह एक जगल में जा पहुचा। जंगल में उसे एक साधु महात्मा दिखाई दिए। महात्मा को देखकर वह उनके पास गया, और गलतियों का प्रायश्चित कैसे करे पूछा।
साधु महतम ने देखा क्रोधी व्यक्ति अपनी गलतियों पर बहुत ही शर्मिंदा था, और प्रायश्चित करना चाहता था। तब साधु महतमा ने उसे कामिक एकादशी का व्रत और भगवान विष्णु की आराधना करने का आदेश दिया।
क्रोधी व्यक्ति साधु महात्मा के बताएनुसार, कामिक एकादशी का व्रत व भगवान विष्णु की आराधना करने लगा। एक दिन जब वह एकादशी का व्रत था, भगवान विष्णु उसकी भक्ति और उसके प्रायश्चित भाव को देखकर प्रसन्न हुए और उसे स्वप्नं में दर्शन दिए और बोले “ मैं तुम्हरे सारी गलतिया माफ करता हूँ”
अब क्रोधी व्यक्ति सज्जन व्यक्ति बन गया, और अब न ही किसी से लड़ाई झगड़ा करता न ही किसी को मारता पीटता। क्रोधी व्यक्ति के व्यवहार में ऐसा परिवर्तन देख कर उसके गाँव वाले भी अब उसके मित्र बन गए और प्यार से रहने लगे।
महत्व
भगवान श्री कृष्ण ने कामिका एकादशी व्रत के महत्व को समझाते हुए कहा “ हे युधिष्ठिर जैसे सभी नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरुणपक्षी, सभी देवताओ में श्री हरि विष्णु तथा मनुष्यों में ब्राह्मण देव श्रैष्ठ है ऐसे ही सभी एकादशी में कामिका एकादशी श्रैष्ठ है”।