उत्तराखंड के नैनीताल अल्मोड़ा मार्ग पर, नैनीताल से 17 किलोमीटर दूर कैंची धाम स्थित है। यह धाम चारों तरफ से ऊचे ऊचे पहाड़ों और शांत घाटियों में स्थित है।
- कैंची धाम की सड़कों पर स्थित तीखे मोड़ो का कैंची की तरह होने के कारण, इस धाम का नाम कैंची धाम रखा गया।
- यह धाम बाबा नीब करोरी के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है। इस धाम में बाबा नीब करोरी, भगवान हनुमान तथा प्रभु श्री राम, माता सीता, माता दुर्गा के मंदिर बने हुए है।
- यही पर बाबा नीब करोरी ने समाधि ली थी।
- बाबा नीब करोरी को हनुमान जी के अवतार मानते है, लेकिन बाबा नीब करोरी स्वयं महाबली हनुमान के बहुत बड़े भक्त थे।
- मान्यता है की, बाबा नीब करोरी ने हनुमान जी की तपस्या करके अनेक सिद्धीया प्राप्त की थी, जिससे वह भक्तों के सारे कष्ट का नाश कर देते थे।
- नीब करोरी बाबा ने इस धाम के अलावा, अपने जीवन काल में देश विदेश सहित 108 मंदिरो का निर्माण कराया। भारत मे सभी आश्रमों में सबसे बडा कैंची धाम आश्रम और अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी में टाउस आश्रम है।
- अगर कोई भक्त यहा पर मुराद ले कर जाता है, तो वह कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है।
- जब कोई भक्त बाबा नीब करोरी के पैर छू के आशीर्वाद माँगता था, तो वह पैर छूने को माना कर देते थे, और कहते थे अगर पैर छूना है तो प्रभु हनुमान के छूओ।
- आश्रम में मंदिर के अलावा यहा पुस्तकालय भी है, यहा पर आप आध्यात्मिक तथा दर्शन आदि की किताब भी पढ़ सकते है।
नीब करोरी बाबा आश्रम कैंची धाम | Neem Karoli Baba Ashram Kainchi Dham
- इस आश्रम का निर्माण का विचार सर्वप्रथम बाबा नीब करोरी को 1961 को आया था। जब वह कैंची धाम आये तो अपने परम मित्र पूर्णानन्द को अपने विचार बताया।
- मंदिर का निर्माण 15 जून 1964 में हुआ। जिसमे भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई।
- इसी वजह से हर साल 15 जून को स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश विदेश हजारों भक्त दर्शन करने आते है।
- यह आश्रम प्रकृति की मौन और एकांत छवि है। यहा का वातावरण अत्यंत शांत और मनमोहक है।
- इस आश्रम की देख रेख तथा महत्वपूर्ण निर्णय अब नीब करोरी बाबा के शिष्य तथा प्रबंधन समिति करती है।
- इस आश्रम मे बाबा के दर्शन के लिए दुनिया की जाने-माने हस्तिया आई हैं। जैसे की एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग।
- ऐसा माना जाता हैं, बाबा के दर्शन के बाद मार्क जुकरबर्ग और फेसबुक कंपनी को अपार सफलता मिली।
कैंचीधाम आश्रम में कौन से मंदिर है ?
- कैंची धाम मंदिर नीब करोरी बाबा को समर्पित है, लेकिन मदिर के प्रांगण में अन्य देवी देवताओ की प्रतिमा भी विराजमान है।
हनुमान मंदिर
- जब हम मंदिर में प्रवेश करते है तो सर्वप्रथम हनुमान जी के दर्शन तथा पूजा अर्चना करते है।
- भगवान हनुमान की पूजा करने से मंगल तथा पित्र दोष से मुक्ति मिलती है।
- हनुमान जी के आशीर्वाद से बल बुद्धि विद्या में वृद्धि होती है।
शेरावाली माँ का मंदिर
- मंदिर के प्रांगण में अन्य देवताओ के अलावा माँ शेरावाली की प्रतिमा भी स्तापित है।
- माँ शेरा वाली के यहा दर्शन करने से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
- माता की पूजा करने से आपके कुंडली के दोष से मुक्ति मिलती है।
राम जानकी मंदिर
- मंदिर के प्रांगण में प्रभु श्री राम, तथा माता जानकी का मंदिर बना हुआ है।
- कैंची धाम में इनके दर्शन तथा पूजा से सारे बिगड़े काम बन जाते है।
- प्रभु श्री राम तथा माता जानकी के आशीर्वाद से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है।
कैंची धाम मंदिर कब खुलता है?
- मंदिर प्रातःकाल 5;30 बजे से शाम 9 बजे तक खुला रहता है।
- यह मंदिर सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है तथा प्रवेश और दर्शन का कोई शुल्क नहीं लगता है।
- प्रतिदिन मंदिर खुलने के समय में 5 से 10 मिनट का अंतराल हो सकता है।
आरती का समय | Kainchi Dham Aarti Timing
कैंची धाम मंदिर मे सुबह की आरती का समय 7:00 से शरू होता हैं और शाम की आरती 7:00 से होती हैं। यह आरती 30 मिनट तक चलती हैं।
कैंची धाम आश्रम में कैसे रुके?
- अगर आपको कैंची धाम में आश्रम में रुकना है तो आपको पहले पर प्रबंधन समिति को सूचित करना होगा।
- आश्रम में प्रबंधक की अनुमति के बाद आप 2 से 4 दिन रुक सकते है।
- आश्रम के सामने ठहरने के लिए कुछ होटल हैं, जहां आप रुक सकते हैं।
- आश्रम के कुछ ही दूरी पर हल्द्वानी और नैनीताल में भी आप ठहर सकते हैं।