जितिया व्रत या जीवितपुत्रिका व्रत सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जिसमें सुहागिन महिलाएं अपने पुत्र के लंबे जीवन की कामना करती हैं। यह व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में अष्टमी के दिन रखा जाता है।
- इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं।
- शास्त्रों के अनुसार, यह पर्व पांडवों के पौत्र परीक्षित की मृत्यु के बाद उनके पुनर्जीवन से जुड़ा हुआ है।
- यदि आप उस दिन जितिया व्रत की आरती और मंत्र का पाठ करते हैं , तो ऐसी मान्यता है कि इससे जितिया भगवान संतान की आयु दीर्घायु कर देते है।
जितिया व्रत 2024 | Jitiya Vrat 2024
साल 2024 में जितिया व्रत 25 दिसंबर बुधवार के दिन पड़ेगा। इस व्रत का मुहूर्त सुबह 5 बजे से रात 1 बजे तक होगा।
जितिया व्रत का मंत्र
“कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।“
जितिया व्रत की आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
ओम जय कश्यप..
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
ओम जय कश्यप..
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
ओम जय कश्यप..
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
ओम जय कश्यप..
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
ओम जय कश्यप..
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
ओम जय कश्यप..