गुरुजी का सत्संग भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण आयोजन होता है। सत्संग के द्वारा भक्त गुरुजी को अपने घर आने का आमंत्रण देते हैं और गुरुजी के अन्य भक्तों को भी आमंत्रण दिया जाता हैं। सत्संग के द्वारा गुरुजी के रूप-स्वरूप और उनकी महिमा का गुणगान करते हुए, गुरुजी की उपस्थिति को महसूस करते है तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है।
गुरु जी का सत्संग कैसे करते हैं | Guruji ka Satsang Kaise Karte Hain
गुरु जी का सत्संग जरूरी नहीं है, कि बड़े समूह में आयोजन करे। सत्संग को अपने घर में कम संगत के साथ भी किया जा सकता है। सत्संग करने मे दो घंटे का समय लगता हैं और यह दिन के किसी भी समय रखा जा सकता हैं।
सत्संग का समय | Satsang ka Samay
- गुरु जी का सत्संग किसी भी दिन व किसी भी समय आयोजित किया जा सकता है।
- भक्तों के लिए सत्संग का समय सटीक रहना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
- ऐसा माना जाता हैं, जो समय निर्धारित किया गया है, उसी समय गुरुजी का आगमन होता है।
- निर्धारित समय पर उपस्थित संगत के साथ सत्संग की शुरुवात कर देनी चाहिए ।
गुरुजी का स्वरूप कैसे सजाए | Guruji ka Swaroop Kaise Sajaye
- उनके लिए एक आसन का प्रबंधन करें, जो कि घर का सामान्य चेयर या सोफ़ा हो सकता हैं।
- आसन पर नया चोला या कपड़ा बिछाएं।
- आसन पर उनका स्वरूप (चित्र) रखें और उनको फूलों से सजाएं।
- स्वरूप के दोनों ओर दो छोटे-छोटे गोल कुशन रखें, जिससे गुरुजी को आराम मिले।
- चरणों के लिए एक छोटे पटरा का प्रबंधन करें।
- पटरा पर भी नया कपड़ा बिछाएं और उस पर गुरुजी की जूतियाँ रखें। उसको भी फूलों से सजाए।
- अखंड ज्योत के लिए आसन के साथ एक छोटी मेज या स्टूल का प्रबंधन करे।
भोग और प्रसाद | Bhog aur Prasad
- भोग की सामग्री रखने के लिए अखंड ज्योत वाली मेज का उपयोग कर सकते हैं
- सत्संग की शुरुआत में ही गुरुजी को जलप्रसाद का भोग लगाए व सभी संगत को भी दे।
- सत्संग के मध्य मे चाय प्रसाद व नाश्ता प्रसाद का प्रबंधन करे। पहले गुरुजी को भोग लगाएं और फिर संगत को चाय नाश्ता का प्रसाद दें।
- सत्संग के आखिर मे आरती के समय, कड़ा प्रसाद का भोग लगाए व संगत को दे ।
- आखिरी मे संगत के लिए अगर भोजन की व्यवस्था हैं, तो सबसे पहले गुरुजी को भोग लगा दे। और भोग लगा हुआ प्रसाद सारे प्रसाद में मिलकर संगत को भोजन कराए।
- भोजन मे आप इच्छानुसार कुछ भी बना सकते हैं जैसे कि हलवा, पुलाव, सब्जियाँ, रोटी, दाल, खीर, और अन्य मीठे और नमकीन व्यंजन।
- भोजन और प्रसाद बनाते समय सिर पर कपड़ा रखें और गुरुजी के मंत्र का जाप करते रहें। इससे भोजन और प्रसाद को गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
गुरुजी के भजन | Guruji Bhajan
- सबसे पहले गुरुजी को आमंत्रित करने के लिए वेलकम सॉन्ग या वेलकम बैंड बजाया जाता है।
- उसके बाद, गुरुजी को ध्यान करते हुए भजन गाए जाते हैं।
- आखरी में शिव आरती और गुरुजी का 108 बार मंत्र का जाप होता है।
- गुरुजी के भजनों को यूट्यूब(Youtube) के माध्यम से सुना जा सकता है।
- Youtube के मध्यम से वेलकम सॉन्ग से लेकर गुरुजी के मंत्र व शिव आरती तक का पूरा सत्संग का आयोजन कर सकते हैं।
- गुरुजी के सत्संग सुनने व डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे।
गुरु जी मंत्र जाप | Guruji Mantra Jaap
ॐ नमः शिवाय शिवजी सदा सहाय।
ॐ नमः शिवाय गुरुजी सदा सहाय।।