गुरु पूर्णिमा का पर्व आदरणीय गुरु को उसके विद्यार्थी के जीवन से, अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक साल जुलाई के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को आता है।
- मान्यता है की इस पर्व की शुरुआत महर्षि वेदव्यास के सम्मान में आरंभ की गई थी।
- महर्षि वेदव्यास महाभारत के रचयिता और वेदों, पुराणो के विशेषज्ञ थे।
- वेदव्यास के काव्यों से व महकाव्यों से हमे प्राचीन काल की संस्कृति और इतिहास के बारे में जानने को मिलता है।
- जीवन के हर क्षेत्र मे सही राह को दिखाने वाला, अज्ञानता को दूर करने वाला एक गुरु ही होता है, जैसे वह विद्यालय के गुरु हो या विद्यालय से बाहर का समाज।
- इसीलिए सभी व्यक्ति के जीवन में एक गुरु का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- गुरु पूर्णिमा पर्व को एक अन्य नाम व्यास पूर्णिमा से भी जाना जाता है।
गुरु पूर्णिमा 2024 | Guru Purnima 2024
इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 रविवार के दिन पड़ेगा। इसमे गुरुपूर्णिमा तिथि का आरंभ 20 जुलाई 2024 की शाम 05:59 मिनट पर होगा, तथा इसकी समाप्ति 21 जुलाई 2024 को 03:36 मिनट पर होगी।
गुरु पूर्णिमा 2025 | Guru Purnima 2025
2025 में गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 रविवार के दिन पड़ेगा। इस गुरु पूर्णिमा तिथि का आरंभ 10 जुलाई 2025 को 1 बजे आरंभ होगी और समाप्ति अगले दिन 11 जुलाई को दोपहर 2 बजे होगी।
गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए? | Guru Purnima ke Din Kya kare?
- इस दिन आप अपने जीवन के प्रथम गुरु यानि माँ से से आशीर्वाद ले, उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी आपके गुरु होते है उनका आशीर्वाद ले।
- इसके अलावा आप को जगदगुरु शंकराचार्य और वेदव्यास की प्रतिमा की पूजा करे।
- अपने से छोटे बड़े सभी का सम्मान व सेवा करे।