गुरु व राहू की युति को गुरु चांडाल योग कहते है। इस योग में राहू अपनी बुरु शक्तियों से गुरु ग्रह को दबा देता है, व जातक को इसके नकारात्मक परिणाम अपने जीवन में देते है।
हिन्दू धर्म में गुरु चांडाल एक अनिष्टकारी ग्रह माना जाता है। चांडाल योग गुरु तथा राहू के साथ मिलने पर बनता है। गुरु ग्रह ज्ञान का तो वही राहू ग्रह अनेक बुरी प्रभाव व कार्यों से संबंधित है इन दोनों के मिलने से जातक पर यह योग बंता है।
- जातक की कुंडली में 5वे 7वे 9वे 10वे भाव में गुरु विराजमान हो, तथा राहू से युति होती है तो चांडाल योग बनता है।
- चांडाल योग से जातक पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है और शुभ ग्रह का प्रभाव निष्क्रिय पड़ जाता है।
- चांडाल योग से जातक को अपने जीवन में संघर्ष करना पड़ता है।
- जहा गुरु या ब्रहस्पति को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक वही राहू को बुरी शक्तियों का प्रतीक माना जाता है।
- चांडाल प्रभाव से व्यक्ति जुआ, नशाखोरी, मादक पदार्थों की ओर जाने लगता है।
- गुरु और राहू की युति से ही चांडाल योग बंता है, और जातक पर इनका बुरा प्रभाव।
- चांडाल योग को शांत करने के लिए व्यक्ति चांडाल शांति पूजा और बरगद के पेड़ की पूजा से कुछ हद तक होता है।
गुरु चांडाल योग के प्रभाव | Guru Chandal Yog ke Prabhav
- गुरु चांडाल के प्रभाव से व्यक्ति अहकारी, और गुस्सैल स्वभाव का हो जाता है।
- व्यक्ति भौतिक शुभ सुविधाओ को पाने के लिए सही गलत का निर्णय नहीं कर पाता, बल्कि पाने के लिए कुछ भी कर सकता है।
- प्रभावित जातक अवैध व्यापार, जुआ, शराब, आदि की ओर अग्रसर होने लगता है
- जातक को व्यापार में हानी, किसी प्रिय से धोखा मिल सकता है।
- ऐसे जातक को पिता और पुत्र में आपसी बहस और परिवार में मनमुटाव वैचारिक मतभेद होता रहता है
- जातक हमेशा किसी भी विषय पर निर्णय लेने असहज महसूए और भ्रम में पड़ जाता है।
- पति पत्नी में तनाव और वैवाहिक जीवन में अनेक बाधा आती है।
- जातक किसी बीमारी या किसी न किसी वजह से परेशान ही रहता है
- जातक को सरदर्द, या फिर माईग्रैन या फिर कोई बीमारी से पीड़ित हो सकता है।
गुरु चांडाल योग के उपाय | Guru Chandal Yog ke Upay
- चांडाल योग को शांत करने के लिए व्यक्ति को चांडाल योग की पूजा और मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
- गुरु चांडाल दोष से प्रभावित जातक को भगवान विष्णु और केले का पूजन और पीला चंदन लगाना चाहिए।
- जातक को पीले रंग के पुखराज को धारण करना चाहिए।
- भागवांन शिव और हनुमान जी की पूजा, व्रत और चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- जातक को प्रतिदिन सुबह सूर्य को जल अवश्य देना चाहिए।
- इसके अलावा व्यक्ति को हल्दी की माला अवश्य पहने।
- अपने से बड़ों और छोटो का सम्मना करना चाहिए।
चांडाल योग कब काम नहीं करता है?
- जातक की कुंडली में गुरु ग्रह किसी भी उच्च राशि में विराजमान हो, तो जातक इस चांडाल योग से प्रभावित नहीं होता।
- इसके अलावा अगर गुरु और राहू की युति के साथ कोई अन्य शुभ ग्रह भी विराजमान हो तो इस योग का प्रभाव नहीं पड़ता है।
- इसके अलावा ईश्वर व सदगुरु की कृपा से इन ग्रहों का प्रभाव नहीं पड़ता है।