गंगा दशहरा का पर्व माँ गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माँ गंगा ने पृथ्वी पर अवतरण लिया था, इसीलिए इसी दिन माँ गंगा के पावित्र नदी पर स्नान, माँ गंगा की पूजा और सामर्थ्यानुसार अन्न, भोजन, या रुपया-पैसा दान कार्य किया जाता है।
- हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ माह में मनाया जाता है।
- गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को उसके 10 पापों से मुक्ति मिल जाती है। इन 10 पापों से मुक्ति मिलने के लिए क्रमशः 3 शारीरिक पाप, 4 वाणी पाप, और 3 मानसिक पाप से मुक्ति मिलती है।
- गंगा दशहरा पर स्नान, आदि करने के साथ दान में मटका, सत्तू, और हाथ वाला पंखा देने की पुरानी परंपरा है।
- इस दिन लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर द्वार पत्र भी लगाते हैं। द्वार पत्र लगाने से घर में माँ लक्ष्मी, गणेश जी का आशीर्वाद मिलता है, तथा घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
क्यों मनाया जाता है? | Kyu Manaya Jata hai
मान्यता है कि राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कठोर तपस्या की, जिसके बाद माँ गंगा धरती पर अवतरित हुई। गंगा दशहरा माँ गंगा के अवतरण के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। गंगा नदी में स्नान और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को 10 पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि जिस दिन माँ गंगा धरती पर अवतरण हुआ था, वह माह ज्येष्ठ माह था, इसीलिए हर साल गंगा दशहरा माँ गंगा के भक्तों द्वारा मनाया जाता है।
जानिए गंगा दशहरा मे द्वार पत्र लगाने से क्या होता हैं?
गंगा दशहरा में द्वार पत्र लगाने से अभिप्राय एक ऐसे कागज के टुकड़े से है, जिस पर कुछ चित्र बने होते हैं, तथा बीच में भगवान गणेश, माँ लक्ष्मी, माँ गंगा और और कुछ मंत्र संस्कृत भाषा में लिखे होते।
गंगा दशहरा 2024 | Ganga Dussehra 2024
वर्ष 2024 में, गंगा दशहरा 16 जून को रविवार को मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 16 जून को सुबह 02:32 बजे होगी और समाप्ति 17 जून 2024 को सुबह 04:43 बजे होगी।