माँ गंगा की आरती: पवित्र गंगा नदी की महिमा का गुणगान करने और उनकी पवित्रता को स्तुति करने का एक अद्भुत रूप हैं।
- गंगा माँ ब्रह्मा जी के कमंडल से प्रकट हुई थी।
- भगीरथ की कठोर तपस्या से मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं।
- भक्तों का गंगा नदी मे स्नान करना अति शुभ माना गया हैं।
- मान्यता हैं की, गंगा नदी मे स्नान कर से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
- माँ गंगा के किनारे पर हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी, और गंगासागर जैसे पवित्र स्थल बसते हैं।
- गंगा आरती करने से भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
- उनकी अरती सूर्योदय और सूर्यास्त के समय गंगा के किनारे की जाती हैं।
॥ श्री गंगा आरती ॥ Ganga Aarti in Hindi
ॐ जय गंगे माता, मैय्या जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय…
चन्द्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
ॐ जय…
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
ॐ जय…
एक बार जो तेरी, शरण गति आता।
यम की त्रास मिटाकर, परम गति पाता ॥
ॐ जय…
आरती मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता ।
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय…
॥श्री गंगा वन्दना ॥
पापापहारि दुरितारि तरंगधारि । शैलप्रचारि गिरिराज गुहाविदारि ॥
झंकारकारि हरिपाद रजोऽपहारि। गंगा पुनातु सततं शुभकारि वारि ॥
माँ गंगा आरती के लाभ
- इनकी आरती से भक्त का मन शांत होता हैं।
- माँ गंगा की भक्ति से तनाव दूर होता हैं।
- उनकी आरती से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती हैं।
- गंगा नदी में स्नान और उनकी पूजा करने से पापों का नाश हो जाता हैं।
- गंगा नदी का जल विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक होता है।