गणेश चतुर्थी पश्चिम भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह दस दिन तक मनाए जाने वाला त्योहार है, जिसमे गणेशजी की प्रतिमा को घर पर स्थापित किया जाता है व उनकी पूजा अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है, गणेशजी को घर में स्थापित करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं व घर में सुख-समृद्धि आती है।
- गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
- गणेश चतुर्थी हर साल अगस्त या सितंबर माह में आता है।
- इस त्योहार पर गणेशजी की प्रतिमा को समान्यतः 10 दिन के लिए स्थापित किया जाता है।
- आप अपनी सुविधानुसार गणेश चतुर्थी को 1, 3, 5, 7, 10, 11 दिन तक मना सकते है।
- इस दौरान गणेश जी पूजा व अर्चना की जाती है तथा उनके प्रिय मोदक व अन्य का भोग लगाया जाता है।
- ऐसी मान्यता है की भगवान गणेश जितने दिन घर पर विराजमान रहते है, घर के सभी कष्ट दूर होते है, और घर में सुख-सम्बरिद्धी आती है।
- 10 दिन के पश्चात अन्नत चतुर्दशी पर गणेश जी की प्रतिमा को जल में धूम धाम से विसर्जित करते है।
- बप्पा का विसर्जन बहुत ही उत्साह और उमंग के साथ ढोल-नगाड़े और नाच गाने के साथ होता है।
- इस त्योहार को देश के दक्षिण भारत के शहरों जैसे मुंबई, महराष्ट्र, हैदराबाद पुणे आदि में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी 2024 तारीख | Ganesh Chaturthi 2024 Date
साल 2024 में गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को पड़ रही है। गणेश चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 सितंबर 2024 को 3:01 मिनट से हो रहा है, और समाप्ति 7 सितमर को 5:37 मिनट पर होगी।
गणेश चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त | Ganesh Chaturthi 2024 Pooja Muhurat
भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर की सुबह 11:03 मिनट से आरंभ होगा, और दोपहर के 01:34 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। मुहूर्त के अनुसार पूजा करना बहुत ही शुभ होता है और गणेश जी की पूजा का फल मिलता है।
गणेश चतुर्थी 2024 विसर्जन तिथि | Ganesh Chaturthi 2024 Visarjan Date
भगवान गणेश का विसर्जन अन्नत चतुर्दशी के दिन होता है, और इस साल अन्नत चतुर्दशी 16 सितंबर 2024 को पड़ रही है।
गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री
गंगाजल, लाल कपड़ा, धूप, दीप, हरी घास, मोदक, कलश, कपूर, चंदन, नारियल, सुपारी, चावल, कलावा, फल, आसन।
गणेश चतुर्थी की पूजा कैसे करे
- सर्वप्रथम स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करे।
- इसके बाद गणेश जी को पूर्वोंतर दिशा में विराजमान कराए।
- गणेश जी की प्रतिमा के दायें और बाये ऋद्धि सिद्धि को विराजमान कराए।
- भगवान को पंचामृत से स्नान कराये।
- इसके बाद दक्षिण दक्षिणपूर्व दिशा में घी का दीपक जलाए।
- इसके बाद भगवान को तिलक करे, और उन्हे फूल, माला, जनेव, दूर्वा आदि अर्पित करे।
- गणेश जी को उनके प्रिय मोतीचूर के लड्डू व केले का भोग लगाएँ।
- जितने दिन गणेश जी विराजमान रहते है, हर दिन भोग अलग-अलग चढ़ाया जाता है।
- अंत में आरती करे।
- इसके बाद भगवान के चरणों में सिर रखकर, कृपा बनी रहे आशीर्वाद मांगे।
अन्नत चतुरदशी के दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
- प्रातःकाल मुहूर्त 9:11 से दोपहर 01:47 तक है।
- अपराह्न मुहूर्त दोपहर 03:19 से शाम 04:51 तक है।
- शाय:काल मुहूर्त शाम 07:51 से 09:19 तक है।
- रात्री का मुहूर्त 10:47 से 03:12 तक है।
अन्य दिन गणेश मूर्ति विसर्जन कैसे करे –
- डेढ़ दिन विसर्जन – 8 सितंबर 2024
- तीन दिन विसर्जन – 9 सितंबर 2024
- पाचवा दिन विसर्जन – 11 सितंबर 2024
- सातवा दिन विसर्जन – 13 सितंबर 2024
गणेश जी की मूर्ति पानी में क्यों विसर्जित की जाती है
ऐसा माना जाता है की जो भी पृथ्वी पर आया है उसे एक ना एक दिन जाना ही है। भगवान गणेश चतुर्थी को आते है, और 10 दिन अपने भकतों के साथ रह कर वापस अपने धाम को चले जाते है।
भगवान गणेश की प्रतिमा मिट्टी से बना कर गणेश चतुर्थी पर लाई जाती है, और अन्नत चतुर्दशी पर भगवान गणेश को पानी में विसर्जत कर दिया जाता है इससे यह सिद्ध होता है यह सृष्टि का नियम है, जो पृथ्वी पर आया है उसे एक ना एक दिन जाना ही है।
गणेश चतुर्थी का इतिहास
गणेश चतुर्थी को सार्वजनिक रूप से सर्वप्रथम 17 शताब्दी में छत्रपती शिवाजी के काल में मनाया जाता था। बाद में सभी हिन्दुओ को एकजुट करने तथा भाईचारा बढ़ाने के लिए तिलक जी ने इस त्योहार को बड़े तौर पर आयोजन करवाया, जिसमे सभी लोग इसमे भाग लेते थे।
क्या-क्या नहीं करना चाहिए गणेश चतुर्थी के दिन?
मान्यता है की गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति चंद्र कर लेता है, तो उस पर चोरी का झूठा आरोप लगा दिया जाता है और उसकी समाज में बहुत ही बदनामी होती है।
इसके पीछे यह मान्यता है की भगवान ने चंद्रमा को श्राप दिया था, की अगर कोई मनुष्य भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तुम्हें देखेगा तो उस पर चोरी का झूठ इल्जाम लगाया जाएगा। तथा वह समाज में बहुत बुरी तरह शर्मिंदा होना पड़ेगा।
भारत के अलावा गणेश चतुर्थी कहाँ मनाई जाती है
नेपाल
भारत के पड़ोसी राज्य नेपाल में भी भारत की तरह गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। यहाँ पर भी गणेश जी की प्रतिमा का स्वागत सभी भक्त धूम धाम से करते है। भगवान को घर में विराजमान करते है, पूजा पाठ व मीठे मीठे पाकवान का भोग लगाते है।
इंडोनेसिया
इंडोनेसिया में भी गणेश भगवान को बुद्धि का देवता माना जाता है, इसीलिए यहाँ पर भी उत्सव का आयोजन होता है। काफी समय पहले तो इंडोनेशिया की करेंसी पर भगवान गणेश की प्रतिमा छपी होती थी।
कनाडा
कनाडा के टोरंटो में गणेश चतुर्थी धूम धाम से मनायी जाती है, क्यू इस स्थल पर काफी प्रवासी भारतीय निवास करते है। यहाँ पर कई संगठन जैसे मराठा संगठन मिलकर आयोजित करते है। यहाँ सभी प्रवासी भारतीय मिलकर सभी आयोजन में भाग लेते है, और इतनी दूर रहते हुए भी अपनी संस्कृति को नहीं भूलते है।
महत्व
- भगवान गणेश बल बुद्धि का विकास करते है।
- घर में सुख समृद्धि आती है।
- हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
- आपकी सारी मनोकामनयें पूर्ण होती है।