साई बाबा का जन्म 28 सितम्बर 1836 में महाराष्ट्र के परभणी के भुसारी परिवार में हुआ था। और इनकी मृत्यु दशहरा के दिन 15 अकतूबर 1918 को हुई थी।
लेकिन इनके जन्म के बारे में अभी भी मतभेद है और कुछ लोगों का मत है, साई बाबा का जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था और बाद में इनको सूफी फकीरों ने गोंद ले लिया था।
- मान्यता है कि, साई बाबा भगवान के अवतार थे, उनका जन्म जन कल्याण के लिए हुआ था।
- 28 सितम्बर को साई का जन्मदिवस मनाया जाता है।
- साई बाबा हमेशा बोलते थे, की सबका मालिक एक। मतलब हर व्यक्ति को एक ही भगवान ने बनाया हैं, हमको एक दूसरे मे भेदभाव नहीं रखना चाहिए।
- साई बाबा का कहना था, की जो मनुष्य गरीब लाचार लोगों की मदद करता है, ईश्वर उनकी स्वयं सहायता करते है।
- इनका व्रत आप किसी भी महीने के गुरुवार से शुरू कर सकते है ।
- मान्यताओ के अनुसार आप साई बाबा के व्रत को 5, 7 9 या अपनी इच्छा या शक्ति के अनुसार कर सकते है।
- साई बाबा का व्रत कोई भी कर सकता है, चाहे वह किसी भी जाति का हो, बाबा जी सबकी मनोकामना पूर्ण करते है।
साई बाबा व्रत पूजा विधि
- सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहने।
- उसके बाद पूजा स्थल मे साई बाबा की प्रतिमा को चंदन या रोली का तिलक लगाए।
- इसके बाद बाबा के चरणों मे पीले पुष्प अर्पित करे तथा दीप प्रजव्वालित करे।
- भोग में आप मूंग की दाल, बेसन के लडु, फल और साबूदाने की खीर बना सकते है।
- तत्पश्चात साई बाबा कथा का पाठ करे और उनकी आरती करे।
व्रत में कया खाया जाता है?
- सुबह पूजा करने के पश्चात चाय और उबले आलू का सेवन कर सकते है।
- पूरे दिन में आप कभी भी फलाहार कर सकते है, और पानी पी सकते है।
- शाम की पूजा में आप साबूदाने की खिचड़ी का भोग लागा कर, उसका सेवन कर सकते हैं।
साई बाबा के चमत्कार
प्रथम कहानी
साई बाबा प्रतिदिन तेल से दिए जलाते थे मस्जिद में, इसलए वह लोगों से तेल मगा करते थे। एक बार जब वह तेल मांगने गए तो कुछ लोगों ने तेल देने से इनकार कर दिया। लोगों ने उनसे झूठ बोल की हमारे पास तेल नहीं हैं।
यह सुन कर साई बाबा चुप-चाप मस्जिद चले गए । वहा जाकर उन्होंने दियो में तेल की जगह पानी डाल दिया और दिया जल पड़ा। यह बात आस पास के लोगों में आग की तरह फैल गई।
जब यह बात लोगों को पता चली तो उन्हे अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने साई बाबा से माफी मांगी। तब बाबा जी ने उन्हे समझाया कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
दितीय कहानी
एक बार बाबा जी के दर्शन करने एक भक्त अपनी पत्नी के साथ या रहा था। जब वह आधे रास्ते पहुच तो बारिश तेज होने लगी और वह बहुत परेशान हो गया। और वह बाबा जी से प्रार्थना की की बारिश बंद हो जाए। और तुरंत ही बारिश बंद हो गई।
तृतीय कहानी
एक बार एक गाव में एक बच्ची खेलते-खेलते वह कुए में गिर गई। और वहा लोगों को लगा की वह कुए में गिर गई है। लेकिन जब कुए में देखा तो बच्ची हवा में उड़ रही थी। जैसे उसे कोई अदृश्य शक्ति पकड़े हुए है। यह शक्ति और कोई नहीं बाबा जी ही थे। क्यों की बच्ची अपने आप को साई बाबा की बहन बोलती थी।
साई बाबा व्रत का उद्यापन कैसे करे
- आपने जितने व्रत का संकल्प लिया है, उसको पूर्ण करने के पश्चात ही आप व्रत का उद्यापन कर सकते है।
- विधि विधान से पूजा करे और आरती करे।
- पूजा के पश्चात आप व्रत के दौरान हुई गलती की माफी जरूर मांगे।
- इसके बाद बाबा से मनोकामना मांगे और साई बाबा की किताब लोगों को वितरित करे।
साई बाबा का व्रत करने से लाभ
- साई बाबा का व्रत करंने से आपके मन में शांति रहेगी।
- बाबा जी का व्रत करने से आपके झोली खुसियों से भर जाती है।
- इस व्रत को करने से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
- साई बाबा का व्रत करने से आपके जीवन में आने वाली कठिनाई से लड़ने की शक्ति मिलती है।