सोमवार व्रत, सनातन धर्म में एक प्रमुख व्रत है। इस व्रत को भगवान शिव की पूजा और उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- सोमवार के व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- भगवान शिव को भोलेभण्डारी भी कहा जाता है, क्यूकी भोलेनाथ भक्तों से जल्दी प्रसन्न होते है।
- भगवान शिव की विशेष कृपा एवं मनोकना पूर्ति हेतु सोमवार व्रत को रखा जाता है।
- सोमवार व्रत को कोई भी कर सकता है महिला, पुरुष ,बच्चे और बूढ़े।
- सोमवार व्रत को कम से कम 11 एवं 16 बार जरूर करना चाहिए और अधिकतम आप अपने संकल्प एवं शारीरिक क्षमता के अनुसार रख सकते है।
सोमवार व्रत 3 तरह के होता है –
- सप्ताह का प्रत्येक सोमवार – यह व्रत शाम तक ही रखा जाता है शाम को पूजा के बाद फलाहार ग्रहण कर सकते है। इसको काम से काम 11 बार जरूर रखे।
- सौम्य प्रदोष व्रत – इस व्रत को करने से धन दौलत एवं मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसको काम से काम 11 बार जरूर रखे।
- 16 सोमवार का व्रत– यह व्रत कुवारी लड़किया मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए करती है। इसको 16 बार ही रखा जाता हैं।
सोमवार व्रत पूजा सामग्री
जल, सफेद फूल, सफेद चंदन, बेलपत्र, धतूरा, दही, चीनी, पान, सुपारी, चावल, रोली, लौंग, पंचामृत, दूध, गन्ने का रस, मिठाई।
सोमवार व्रत पूजा विधि
- सोमवार के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करे तथा स्वच्छ वस्त्र धारण करे।
- इसके पश्चात घर में गंगाजल छिड़के।
- घर के मंदिर में भगवान शिव एवं माता पार्वती को सफेद रंग के चंदन से तिलक करे।
- उन्हे अक्षत रोली सुपारी एवं बेलपत्र एवं सफेद पुष्प अर्पित करे।
- इसके बाद पंचामृत और मिश्री का भोग लगाए।
- इसके पश्चात व्रत का संकल्प ले और इस मंत्र का उच्चारण करे – ॐ नमः शिवाय
- पूजन में सोमवार व्रत की कथा का पाठ और भगवान शिव की आरती करे।
भोलेनाथ की पूजा के नियम
- भोलेनाथ का अभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रहे की दूध तांबे के पात्र में न हो ,क्योंकि तांबे के बर्तन में दूध डालने से दूध संक्रमित हो जाता है। और अभिषेक योग्य नहीं रहता है।
- शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए, जहा से अभिषेक किया हुआ दूध बहता है, वहा रुक जाए और वही से लौट आए।
सोमवार के व्रत में क्या खा सकते है?
- सुबह पूजा करने के बाद चाय या दूध पी सकते है, साथ ही भुने हुए मखाने खा सकते है।
- व्रत में प्यास लगने पर कभी भी पानी पी सकते है।
- दिन में फलाहार में फल, उबले हुए आलू खा सकते है।
- शाम को आप साबूदाने की खिचड़ी, कूट्टू के आटे से बनी हुई पूरी खा सकते है।
- खाने में सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते है।
इस व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए ?
- सोमवार के व्रत में आपको साधारण नमक का सेवन नहीं करना है।
- तामसिक भोजन नहीं खाना हैं।
- इसमे प्याज लहसून का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मसालेदार खाद्य पदार्थों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
सोमवार व्रत कब खोलना चाहिए?
- सोमवार का व्रत सूर्यास्त के पश्चात शाम को भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद खोल सकते है।
- व्रत खोलने के लिए चावल की खीर, कूट्टू के आटा की पूरी, कद्दू की सब्जी आदि का सेवन कर सकते है।
व्रत के दौरान कुछ बात का ध्यान अवश्य रखे
- व्रत में आप पानी अच्छी मात्रा मे पिए।
- खाने में ऐसे फलों को शामिल करे जिसमे पानी की मात्रा अधिक हो।
- मन शांत रखे और ईश्वर पर विश्वास करे, आप का व्रत सफल होगा।
सोमवार व्रत का उद्यापन कब करे?
- आपने जितने व्रत का संकल्प लिया हो उसके पूरा होने पर, आप सोमवार व्रत का उद्यापन कर सकते है
- इस व्रत का समापन किसी भी माह में किया जा सकता है।
- व्रत का उद्यापन किसी ब्राह्मण या पुरोहित के द्वारा करा सकते है।
सोमवार व्रत के लाभ
- सोमवार के व्रत करने से आपको व्यपार में लाभ होता है।
- यह व्रत रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
- इस व्रत को रखने से अपने मानसिक परेशानी दूर होती है।
- इस व्रत को करने से आपके परिवार को सुख की प्राप्ति होती है।
- सोमवार व्रत अगर सुहागिन औरते रखे, तो उनके पति की आयु लंबी होती है।