काली माता की आरती” एक प्रसिद्ध हिंदू आरती है जो माता काली की पूजा के समय गाई जाती है। यह आरती माता के शक्तिशाली स्वरूप की महिमा को प्रस्तुत करती हैं।
- माँ काली, देवी दुर्गा का एक भयंकर ओर शक्तिशाली रूप हैं।
- माता दुर्गा के इस रूप को शक्ति के सामर्थ्य का प्रतीक माना जाता है।
- काली माँ का रंग काला और उनकी आँखें लाल होती हैं।
- यह “भद्रकाली” नाम से भी जानी जाती हैं।
- काली माँ की पूजा और आराधना से भक्तों को संसार के भयानक वातावरण से मुक्ति की प्राप्ति होती हैं।
- उन्हें विशेष रूप से दीपावली, नवरात्रि, और काली पूजा के दिनों में पूजा जाता है।
।। काली माता की आरती।। (Kali Mata Ki Aarti in Hindi)
अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुन गाये भारती ।
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।
माता तेरे भक्त जनों पर भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़े माँ करके सिंह सवारी।
सौ सौ सिंहो से बलशाली अष्ट भुजा ओ वाली।
दुखियों के दुःख को निवारती ।
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।
मां बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता।
पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता ।
सब पर करूणा दरसाने वाली अमृत बरसाने वाली।
दुखियों के दुख को निवारती ।
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।
नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना।
हम तो मांगते तेरे मन का एक छोटा सा कोना।
सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।
काली माँ की आरती के लाभ
- माँ काली की पूजा और आरती करने से आत्मिक शक्ति और संतुलन मिलता है।Top of Form
- काली माता की आरती से भक्त के घर में शुभता, समृद्धि, और सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
- इसका पाठ भक्त के मन में माता काली के प्रति प्रेम और भक्ति का भाव उत्पन्न होता है।
- आरती के पाठ से समस्त नकारात्मक ऊर्जा और बुराईयों का नाश होता है।
- उनकी भक्ति करने से आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है और भक्त अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होता है।