रक्षाबंधन का यह त्योहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीत है। रक्षाबंधन का अर्थ है “रक्षा या सुरक्षा का बंधन”। इस पर्व पर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, और इसके बदले में भाई यह वचन देता है की वह उसकी हर परिस्थिती में रक्षा करेगा।
- रक्षाबंधन का यह त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा पर पड़ता है, जिसका इंतजार सभी भाई-बहनों को बेसब्री से होता है।
- इस पर्व पर भाई और बहन नए वस्त्र धारण करते है।
- इसके बाद बहने अपने भाइयों का तिलक कर उनके हाथ में राखी बांधती है, और बदले में भाई उन्हे उनकी रक्षा का वचन तथा उपहार देते है।
रक्षाबंधन तारीख 2024 | Raksha Bandhan 2024
इस बार रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। ज्योतिषशास्त्र और ब्राह्मणों के अनुसार, इस दिन दोपहर के समय राखी नहीं बांधना चाहिए, क्योंकि यह समय भद्रा का है।
शुभ मुहूर्त | Muhurat
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:31 से शाम 04:20 मिनट तक है। उसके बाद शाम को राखी बांधने का सही समय 06:56 मिनट से 09:08 मिनट तक है।
भद्रा में क्यों नहीं राखी बांधनी चाहिए
पौराणिक कथा के अनुसार, भद्रा भगवान शनि देव की बहन और सूर्यदेव की पुत्री है। जब भी कोई शुभ कार्य करता है, तो वह उसमें विघ्न डालती है। इसीलिए भद्रा काल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जब से भद्रा पैदा हुई थी, तब से वह समस्त कार्यों में विघ्न डाल रही थी। भद्रा के शुभ कार्यों में विघ्न डालता देख ब्रह्म देव ने उन्हें पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल पर जाने की आज्ञा दी, और बोले जाओ वही शुभ कार्यों में विघ्न डालना।
रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है? | Raksha Bandhan Kyon Manaaya Jaata Hai?
एक बार भगवान श्री कृष्ण के हाथ मे हल्का सा कट गया और खून बहने लगा। द्रौपदी ने अपने साड़ी के आचल को फाड़कर उनके उंगली में बांध दिया। द्रौपदी का यह भाव देखकर भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें वचन दिया कि “मैं तुम्हारी रक्षा करूंगा”।
जब पांडव द्रौपदी को जूएँ में हार गए, तो उसे कौरवों द्वारा जबरदस्ती राज्यसभा में बाल पकड़ के खींच लाया गया। और पूरी सभा के सामने उसके वस्त्र उतारने का प्रयास किया जाने लगा।
तब द्रौपदी हाथ जोड़कर श्री कृष्ण से प्रार्थना करने लगी “हे प्रभु मेरी लाज रखना”। भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को दिया हुआ वचन उस समय पूरा किया, और द्रौपदी की लाज बच गई।
तब से रक्षाबंधन त्योहार उमंग और उत्सव से सभी लोगों द्वारा मनाया जाने लगा।