अजा एकादशी या अन्नदा एकादशी दोनों एक ही है। यह एकादशी भारत के उत्तर क्षेत्र में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के एकादशी तिथि को मनाते है। इस एकादशी में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
अजा एकादशी 2024 | Aja Ekadashi 2024
साल 2024 मे अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 दिन गुरुवार को है। एकादशी तिथि का आरंभ 29 अगस्त को दोपहर 01:19 पर होगा, और और समाप्ति 30 अगस्त को दोपहर 01:12 पर होगा। पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 8:15 से 11:33 मिनट तक है।
महत्व
हमारे हिन्दू धर्म में एकादशी का बहुत ही महत्व है। ऐसे मान्यता है की इस व्रत का पालन करने से यज्ञ के बराबर फल मिलता है। तथा भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी आपके घर से सभी कष्ट को नष्ट कर देती है।
कथा
प्राचीन काल में एक परम प्रतापी राजा हुआ करता था। राजा का नाम हरिश्चंद्र था और वह अपने न्याय और सत्यनिष्ठा के लिए प्रसिद्ध था। एक बार देवताओ को उनकी परीक्षा लेने का विचार आया।
राजा हरिश्चंद्र के स्वप्नं में देवता एक ऋषि बन कर आये, और उनका राज – पाठ मांग लिया। राजा ने स्वप्नं में ऋषि को दान में दे दिया। सुबह होते ही वह ऋषि वास्तव में राजा के महल आए, और उनसे कहा “ राजन अपने मुझे स्वप्न में अपना सब कुछ दान में दिया है, इसिलिये अब आपको राज्य पाठ छोड़कर यहाँ से जाना होगा।
राजा हरिश्चंद्र ने ऋषि की बात मान लिया, और वह सारा राज पाठ उन्हे सौप दिए, बाकी बचे हुए दान को देने के लिए उन्होंने खुद को व पत्नी तथा पुत्र राहुल को बेच दिया। राजा को एक चांडाल ने खरीद लिया था, और वह शमशान घाट पर लोगों की लाश जलाते थे।
और उनकी पत्नी व पुत्र दूसरों के घर काम करती थी। एक बार राजा हरिश्चंद्र के पुत्र को सर्प ने डंस लिया, और उसकी मृत्यु हो गई। जब राजा ने अपने पत्नी से उसके पुत्र का शव जलाने के लिए कर मांगा तो उनकी पत्नी ने रोते हूएं कहा- “कुछ नहीं है मेरे पास कर देने के लिए, और कया यह आपका पुत्र नहीं है”।
यह सुन राजा ने अपनी ईमानदारी और सच्चाई को सर्वोपरि रखा, और शवदाह करने से माना कर दिया था। इतना सब कुछ होने पर भी राजा विचलित नहीं हुआ। एक दिन राजा ही रहा था की मेरे साथ ही ऐसा क्यूँ हुआ, कया मैंने कोई पाप किया था।
तभी उसके पास एक ऋषि आये, और राजा से उसके परेशान होने का कारण पूछा। राजा ने अपने साथ हुई सभी घटनाओ को बताया। तब ऋषि ने कहा “हे राजन आज से सात दिन बाद अजा एकादशी है, तुम इस एकादशी का व्रत विधि विधान से करना रात्री में जागरण करना भगवान विष्णु तुम्हारे सारे कष्टि को हर लेंगे।
ऋषि के बताएनुसार राजा ने व्रत किया, और रात्री को जागरण भी किया। राजा के व्रत और उसकी ईमानदारी से भगवान विष्णु प्रसन्न हुए, उसे दर्शन दिए तथा बोले, हे राजन हम तुमहरी ईमानदारी की परिक्षा ले रहे थे, तुम्हारी ईमानदारी और व्रत, पूजा से बहुत प्रसन्न है, और तुम्हें वरदान देते है की तुम्हारा पुत्र राहुल जिंदा हो जाएगा, तथा तुमहरी हर खोई हुई वस्तु, राज्य वापस मिल जाएगा।
इतना बोल भगवान विष्णु अंतर्ध्यान हो गए। भगवान की यह बात सुन राजा हरिश्चंद्र की आँखों में आँशु आ गए, और उन्हे ईश्वर ने दर्शन दिए इसीलिए प्रसन्न भी थे। अब राजा हरिश्चंद्र अपनी पत्नी व पुत्र के साथ राज्य को लौट गये, तथा सुखपूर्वक अपने पत्नी व पुत्र के साथ रहने लगे।