श्रावण माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहते है। इस एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
पुत्रदा एकादशी को पवित्रा एकादशी या पवित्रोपना एकादशी भी कहते है। इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी 2024 | Shravana Putrada Ekadashi 2024
साल 2024 मे श्रावण पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त दिन शुक्रवार को है। एकादशी तिथि का आरंभ 15 अगस्त 2024 को सुबह 10:27 मिनट पर होगा, और समाप्ति 16 अगस्त को 9:40 मिनट पर होगा। पारण 17 अगस्त को सुबह 6:08 से 8:06 तक रहेगा।
श्रावण पुत्रदा एकादशी कथा
प्राचीन काल में महिषमत नाम का एक राजा था। राजा बहुत ही दानवीर और धर्मात्मा था। राजा के पास किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी, कमी थी तो बस एक संतान की।
राजा के वंश को बढ़ाने वाला कोइ नहीं था, इसीलिए वह बहुत ही दुखी रहता था। अपनी समस्या के निवारण के लिए उसने एक बार ज्ञानी ऋषि लोमर्ष तथा अन्य ऋषि मुनियों व पंडितों को महल में बुलवाया। राजा ने सभी ऋषिओ का स्वागत सत्कार किया, और अपनी समस्या बताई।
तब ऋषि लोमर्ष ने राजा को संतान न होने के कारण बताने लगे। ऋषि लोमर्श ने कहा “हे राजन ये आपके पूर्व जन्म के पाप है, इसीलिए आपको इस जन्म में उसका दुष्परिणाम मिल रहा है। आप ने पूर्व जन्म में एक गाय को नदी के किनारे पानी नहीं पीने दिया था, इसीलिए उसने आपको श्राप दिया था, आपको पुत्र रत्न की प्राप्त नहीं होगी”।
राजा अपनी पूर्व जन्म में हुई गलतियों पर बहुत शर्मिंदा थे, परंतु राजा ने ऋषि लोमर्ष को कहा, कृपया कर के मुझे इस श्राप से मुक्ति पाने व पुत्र प्राप्ति का मार्ग बताए। ऋषि ने कहा “हे राजन श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत व विधि विधान से पूजा पाठ करो, भगवान विष्णु तुम्हें अवश्य क्षमा कर पुत्र का वरदान प्रदान करेंगे।“
राजा ने श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत विधि विधान से किया, और कुछ ही दिन बाद राजा के घर एक सुंदर से बालक ने जन्म लिया। राजा का यह पुत्र आगे चलकर अपने पिता की तरह धर्मात्मा, पराक्रमी व शूरवीर राजा बना।
महत्व
श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। इसीलिए सभी माता – पिता जिन्हे संतान प्राप्ति की चाह होती है, इस एकादशी का व्रत व पूजा विधि विधान से करते है। भगवान विष्णु की आराधना करने से माता-पिता को संतान सुख पाते है और अंत में बैकुंठ धाम मिलता है।