सावन शिवरात्रि, को फाल्गुन माह की शिवरात्रि के समान फलदायी माना जाता है। यह श्रावण माह में पड़ने के कारण सावन शिवरात्री नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान शिव की आराधना व जलाभिषेक करने से वे जल्द ही प्रसन्न होते हैं।
- साल में 12 शिवरात्रि होती है लेकिन सावन शिवरात्रि का महत्व अधिक है।
- मान्यता है, की भगवान शिव का गला विषपान करने से जल रहा था तो सभी देवताओ ने उन पर जल चढ़ाया था, जिससे उनकी गले की जलन कम हो गई थी।
- शिवरात्रि में भगवान शिव को जलभिषेक करने के लिए सभी शिवभक्त दूर दूर से काँवड़ यात्रा को जाते है।
- सावन माह में भगवान शिव को जल अभिषेक करने से शिव जी सबके कष्ट हर लेते है।
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सावन शिवरात्रि 2024 कब हैं | Sawan Shivratri 2024 Kab Hain
इस साल 2024 में सावन शिवरात्रि 2 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रही है। तिथि की शुरुआत 2 अगस्त को दोपहर 03:26 मिनट पर होगी। और समाप्ति 3 अगस्त को सुबह 03:50 मिनट पर होगी।
सावन शिवरात्रि 2024 जल तारीख | Sawan Shivratri 2024 Jal Date
- सावन शिवरात्रि 2024 जल तारीख 2 अगस्त दिन शुक्रवार को हैं।
- जल का शुभ समय दोपहर 03:26 से रात 03:50 मिनट तक रहेगा।
सावन शिवरात्रि 2024 जल अभिषेक का समय | Sawan Shivratri Jal abhishek time 2024
सावन शिवरात्रि 2024 जल अभिषेक का समय 2 अगस्त शुक्रवार को दोपहर 03:26 से रात 03:50 मिनट तक रहेगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
- प्रथम प्रहर की पूजा – 7:11 मिनट से 9:49 मिनट तक।
- द्वितीय प्रहर की पूजा – 9:49 मिनट से लेकर 12:27 मिनट (3 अगस्त)।
- तृतीय प्रहर की पूजा – 12:27 मिनट से लेकर 3:06 मिनट तक (3 अगस्त)।
- चतुर्थ प्रहर पूजा – 3:06 मिनट से 5:44 मिनट तक।
महत्व
श्रावण मास में पढ़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन, सभी देवता और असुर मिलकर समुद्र मंथन कर रहे थे। मंथन के दौरान जब विष निकला, तो सभी विचार में पड़ गए कि इस विष का क्या किया जाए।
इस समस्या का समाधान के लिए उन्होंने भगवान शिव के पास जाकर सहायता मांगी। उन्होंने शिव से इस विष का समाधान पूछा। उस समय, भगवान शिव ने हलाहल नामक इस विष को ग्रहण कर लिया।
विष ग्रहण करने से भगवान शिव के गले में जलन होने लगी, जिसे देखकर सभी देवता ने विष के तपन से राहत प्राप्त करने के लिए पंचामृत से जलभिषेक किया। तब से उनके भक्त शिवलिंग पर जल अभिषेक करते हैं और भगवान शिव उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।