श्री हनुमान जी सनातन धर्म मैं पूजे जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। हनुमान जी को भगवान राम के परम भक्त के रूप में जाना जाता है इसलिए इन्हें भक्त हनुमान भी कहा जाता है।
- हनुमान जी की आरती करना उनकी स्तुति और भक्ति का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
- इससे भक्त उन्हें प्रिय होने का अभास करता है, और उनसे अपने मनोबल को बढ़ाने की सहायता मांगता है।
- भक्तों के अनुसार हनुमान लला ऐसे भगवान है। जिनकी पूजा अर्चना करने पर जल्दी फल की प्राप्ति होती है।
- हनुमान जी की नियमित रूप से आरती करने से घर में सकारात्मक शक्तीय आती है।
- हिन्दू धर्म में मंगलवार का दिन अंजनीसुत को समर्पित है एवम मंगलवार को आरती करने से अत्यंत प्रसन्न होते है।
- जिस घर में महाबली हनुमान की पूजा एवम आरती होती है उसे उच्च पदवी या पदाधिकार की प्राप्ति होती है।
।। आरती श्री हनुमान जी की।। (Hanuman Ji ki Aarti in Hindi)
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
जाके बल से गिरिवर काँपे। रोग-दोष जाके निकट न झाँके ||1||
आरती कीजै…
अंजनि पुत्र महा बलदाई। संतन के प्रभु सदा सहाई।
दे बीड़ा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाये ||2||
आरती कीजै…
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवन सुत वार न लाई।
लंका जारि असुर संहारे। सियाराम जी के काज सँवारे ||3||
आरती कीजै…
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे। लाये संजिवन प्राण उबारे।
पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे ||4||
आरती कीजै…
बाईं भुजा असुर संहारे। दाई भुजा सब सन्त उभरे ।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें। जय जय जय हनुमान उचारें ||5 ||
आरती कीजै…
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसी बैकुंठ परम पद पावे ||6 ||
आरती कीजै…
लंक विध्वंस किये रघुराई। तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई |
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला कीजाके ||
हनुमान चालीसा, आरती और बजरंग बाण मे अंतर :
हनुमान चालीसा और आरती भक्तिभाव से भरा हुआ हिन्दू धर्म में दो महत्वपूर्ण पूजनीय माने जाते हैं। यह 40-श्लोकी स्तुति, हनुमान जी के गुण, कल्याणकारी प्रकृति, और उनके भक्तों के प्रति कृपा को स्वरूपित करती है।
रोज़ाना चालीसा और आरती का पाठ करने से भक्त को सुरक्षा, संजीवनी शक्ति, और मानव जीवन की समस्याओं का निवारण मिलता है। आये अब जानते हैं बजरंग बाण क्या हैं ?
बजरंग बाण एक प्राचीन हिन्दू मंत्र है इसका उचारण हमको कठिन समय मैं प्राण की रक्षा के लिए करना चाहिए। यह मंत्र तुलसीदास कृत “श्रीरामचरितमानस” के एक अंश से लिया गया है और हिन्दू भक्तों के बीच विशेष प्रसिद्ध है।
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जानिए श्री हनुमान जी की आरती करने से क्या होता हैं
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- कष्ट निवारण: हनुमान जी की आरती का पाठ करने से कष्ट निवारण होता है और जो निरंतर पाठ करता हैं उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधर जाता है।
- कल्याण की प्राप्ति: आरती के माध्यम से भक्त को सांसारिक और आध्यात्मिक कल्याण की प्राप्ति होती है।
- शांति और सुख: हनुमान जी की आरती से भक्त को शांति और सुख की प्राप्ति होती है और उसका मन प्रसन्न रहता है।
- मंगल की प्राप्ति: श्री हनुमान जी की आरती से भक्त को मंगल की प्राप्ति होती है और उसका जीवन सफलता और खुशियों से भरा रहता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से निवारण : जब किसकी को नकारात्मक उरजाये सताने लगती हैं तो निरन्तर हनुमान जी की आरती करने के नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती हैं
हनुमान जी की आरती से भक्त की भक्ति भावना में रुचि होती है और वह भगवान के प्रति अधिक जगरुख हो जाता है।